दो परिवहन अवसंरचना परियोजनाओं को सीसीईए की मंजूरी मिली

दो परिवहन अवसंरचना परियोजनाओं को सीसीईए की मंजूरी मिली

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  • Publish Date - April 9, 2025 / 05:31 PM IST,
    Updated On - April 9, 2025 / 05:31 PM IST

नयी दिल्ली, नौ अप्रैल (भाषा) आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल की समिति (सीसीईए) ने बुधवार को परिवहन क्षेत्र से संबंधित दो अवसंरचना परियोजनाओं को मंजूरी दी।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस परियोजनाओं का मकसद भीड़भाड़ को दूर करना और एकीकृत परिवहन विकास को बढ़ावा देना है।

इसके तहत पंजाब और हरियाणा में 1,878.31 करोड़ रुपये की लागत से 19.2 किलोमीटर लंबे छह लेन वाले जीरकपुर बाईपास के निर्माण को ”हाइब्रिड एन्यूटी मोड” पर मंजूरी दी। हाइब्रिड एन्यूटी मोड के तहत सार्वजनिक निजी साझेदारी में सड़क परियोजनाओं का विकास किया जाता है।

इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य पटियाला, दिल्ली और मोहाली एरोसिटी से यातायात को हटाकर और हिमाचल प्रदेश को सीधा संपर्क देकर जीरकपुर, पंचकूला और आसपास के क्षेत्रों में भीड़भाड़ को कम करना है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रस्ताव का मकसद यात्रा के समय को कम करना और राष्ट्रीय राजमार्ग सात, पांच और 152 के भीड़भाड़ वाले शहरी खंड में परेशानी मुक्त यातायात सुनिश्चित करना है।

वैष्णव ने कहा कि सीसीईए ने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में 104 किलोमीटर लंबे तिरुपति-पाकला-कटपडी एकल रेल लाइन खंड के दोहरीकरण को भी मंजूरी दी है, जिसकी कुल लागत 1,332 करोड़ रुपये होगी।

कोयला, कृषि वस्तुओं, सीमेंट और अन्य खनिजों जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए यह एक महत्वपूर्ण मार्ग है।

सरकार की ओर से बयान में कहा गया, ‘‘यह परियोजना बहु-मॉडल संपर्क के लिए प्रधानमंत्री-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत लाई गई है, जो यात्रियों, माल और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध संपर्क देगी।’’

इसमें कहा गया कि दो राज्यों – आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तीन जिलों को शामिल करने वाली यह परियोजना भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 113 किलोमीटर तक बढ़ाएगी।

सरकार ने पर्यटन क्षेत्र के लिए इसके महत्व के बारे में कहा कि तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर से संपर्क के साथ ही परियोजना श्री कालहस्ती शिव मंदिर, कनिपकम विनायक मंदिर, चंद्रगिरी किला आदि को भी रेल मार्ग से अच्छी तरह जोड़ती है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय