वेदांता का कारोबार विभाजन मार्च तक पूरा हो जाएगा, हरेक कंपनी बनेगी वेदांताः चेयरमैन अग्रवाल

वेदांता का कारोबार विभाजन मार्च तक पूरा हो जाएगा, हरेक कंपनी बनेगी वेदांताः चेयरमैन अग्रवाल

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  • Publish Date - December 17, 2025 / 06:04 PM IST,
    Updated On - December 17, 2025 / 06:04 PM IST

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) खनन से लेकर धातु तक सक्रिय वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि विभिन्न कारोबारों के विभाजन को पूरा करने के लिए मार्च, 2026 तक लक्ष्य रखा गया है, जिसके बाद पांच स्वतंत्र, सूचीबद्ध और विशेष क्षेत्र आधारित कंपनियां वजूद में आ जाएंगी।

अग्रवाल ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि कारोबार विभाजन वेदांता के हरेक व्यवसाय को बढ़ने का मौका देगा और हरेक नवगठित कंपनी अपनी मूल कंपनी के बराबर होने की क्षमता रखेगी।

राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने एक दिन पहले ही वेदांता की कारोबार विभाजन योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत बुनियादी धातु कारोबार वेदांता लिमिटेड के पास ही रहेगा जबकि वेदांता एल्युमिनियम, तलवंडी साबो पावर, वेदांता स्टील एंड आयरन और माल्को एनर्जी अन्य चार स्वतंत्र कंपनियां होंगी।

अग्रवाल ने कहा, ‘वेदांता बरगद के एक विशाल पेड़ की तरह है। हरेक व्यवसाय में अपार संभावनाएं हैं और प्रत्येक व्यवसाय खुद एक बरगद बन सकता है। मेरी दृष्टि है कि हर कंपनी वेदांता के बराबर राजस्व में बढ़े। असल में, हम पांच और वेदांता बना रहे हैं, जिससे शेयरधारकों को लाभ मिलेगा।’

उन्होंने कहा, ‘कारोबार विभाजन की प्रक्रिया के अगले तीन-चार महीनों में पूरा हो जाने की संभावना है। इसके लिए मार्च, 2026 तक का लक्ष्य रखा गया है।’

अग्रवाल ने कारोबार विभाजन की वजह के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वैश्विक स्तर पर ज्यादातर बड़ी संसाधन कंपनियां विशेष व्यवसायों में काम करती हैं, और यह पुनर्गठन इसी मॉडल के अनुरूप है।

कारोबार विभाजन के तहत वेदांता के हरेक शेयरधारक को इस समय के प्रत्येक शेयर के मुकाबले नई बनने वाली हरेक कंपनी का एक-एक शेयर मिलेगा।

हरेक नई कंपनी के पास स्वतंत्र निदेशक मंडल और पेशेवर प्रबंधन होगा। इनमें प्रवर्तकों की हिस्सेदारी लगभग 50 प्रतिशत रहेगी लेकिन वे दैनिक संचालन में शामिल नहीं होंगे।

वेदांता चेयरमैन ने कहा कि कंपनी का कुल ऋण लगभग 48,000 करोड़ रुपये है, जिसे कारोबार विभाजन के बाद हरेक नई कंपनी के नकदी प्रवाह के हिसाब से बांटा जाएगा।

विभिन्न व्यवसायों की योजनाओं का जिक्र करते हुए अग्रवाल ने कहा कि तांबा और चांदी का उत्पादन बढ़ाया जाएगा, एल्युमिनियम क्षमता दोगुनी की जाएगी और तेल एवं गैस उत्पादन को अगले चार-पांच वर्षों में 10 लाख बैरल प्रतिदिन तक बढ़ाने का लक्ष्य है।

इसके अलावा, इस्पात और लौह अयस्क व्यवसाय हरित इस्पात के उत्पादन पर केंद्रित रहेगा और बिजली व्यवसाय 20,000 मेगावाट क्षमता तक विस्तार करेगा।

अग्रवाल ने पूंजीगत व्यय और लाभांश नीति पर कहा, ‘कारोबार विभाजन के बाद भी आक्रामक पूंजीगत व्यय जारी रहेगा और इसी के साथ नियमित लाभांश भी जारी रहेगा।’

उन्होंने कहा कि कारोबार विभाजन से न केवल प्रत्येक व्यवसाय को स्वतंत्र पहचान मिलेगी, बल्कि यह भारतीय उद्योग में निवेश, उत्पादन और नवाचार को भी नई दिशा देगा।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण