पनीर, दही और छाछ होगा महंगा, आटे की खरीदी पर भी देने पड़ेगे ज्यादा पैसे, जानिए और क्या-क्या चीज हुए महंगे

पनीर, दही और छाछ होगा महंगा, आटे की खरीदी पर भी देने पड़ेगे ज्यादा पैसे : Wheat flour, papad, paneer, curd and buttermilk to be taxed at five percent

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  • Publish Date - June 29, 2022 / 10:11 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:48 PM IST

चंडीगढ़ (भाषा) Buttermilk to be taxed at five percent जीएसटी परिषद ने कुछ सामानों पर छूट को वापस लेने जबकि कुछ अन्य पर दरें बढ़ाये जाने का फैसला किया है। इससे अब डिब्बाबंद और लेबल-युक्त गेहूं आटा, पापड़, पनीर, दही और छाछ पर पांच प्रतिशत कर लगेगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाताओं को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की यहां दो दिन की बैठक में विभिन्न समूहों के दरों को युक्तिसंगत बनाने के बारे में दिये गये सुझावों को स्वीकार कर लिया गया। इससे कर की दरों में बदलाव हुए हैं। कर दर में बदलाव 18 जुलाई से प्रभाव में आएंगे। हालांकि परिषद ने कसीनो, ऑनलाइन गेमिंग और घुड़दौड़ पर रिपोर्ट को मंत्री समूह (जीओएम) के पास फिर विचार के लिए भेज दिया है।

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Buttermilk to be taxed at five percent गोवा के वित्त मंत्री कसीनो पर जीएसटी दर के बारे में और चर्चा चाहते हैं। ऐसे में ‘ऑनलाइन गेमिंग’ और घुड़दौड़ पर भी फिर से विचार किया जाएगा। मंत्री समूह ने तीनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने की सिफारिश की थी। इस बारे में रिपोर्ट 15 जुलाई तक तैयार हो जाने की उम्मीद है और अगस्त में परिषद की अगली बैठक में इसपर विचार किया जाएगा। छूट समाप्त करने का मतलब है कि डिब्बा या पैकेट बंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर अब पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इसी प्रकार, टेट्रा पैक और बैंक की तरफ से चेक जारी करने पर 18 प्रतिशत और एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। वहीं खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी।

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इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गयी है। अभी इसपर कोई कर नहीं लगता है। इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिये 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले कमरों (आईसीयू को छोड़कर) पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा। ‘प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक’, धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और ‘पेंसिल शार्पनर’, एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर कर की दरें बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गयी हैं। सौर वॉटर हीटर पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जबकि पहले 5 प्रतिशत कर लगता था।

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सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाहगृह के लिये जारी होने वाले कार्य अनुबंधों पर अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। जो अबतक 12 प्रतिशत था। हालांकि, रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा अवशिष्ट निकासी सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत की गई है। पहले यह 12 प्रतिशत था। ट्रक, वस्तुओं की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों जिसमें ईंधन की लागत शामिल है, पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो अभी 18 प्रतिशत है। बागडोगरा से पूर्वोत्तर राज्यों तक की हवाई यात्रा पर जीएसटी छूट अब ‘इकनॉमी’ श्रेणी तक सीमित होगी।

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आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक), बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड जैसे नियामकों की सेवाओं के साथ रिहायशी मकान कारोबारी इकाइयों को किराये पर देने पर कर लगेगा। बैटरी या उसके बिना इलेक्ट्रिक वाहनों पर रियायती पांच प्रतिशत जीएसटी बना रहेगा। जीएसटी परिषद ने ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से की जाने वाली अंतर-राज्य आपूर्ति के लिए प्रक्रिया को आसान बनाने का भी निर्णय किया है। अब ऐसे आपूर्तिकर्ताओं का वस्तुओं और सेवाओं का कारोबार क्रमशः 40 लाख रुपये और 20 लाख रुपये से कम है तो उन्हें जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह एक जनवरी, 2023 से लागू होगा। परिषद ने जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के गठन के संदर्भ में राज्यों की तरफ से उठाये गये विभिन्न मुद्दों पर चर्चा और सीजीएसटी कानून में उपयुक्त संशोधन के लिये मंत्री समूह भी गठित करने का निर्णय किया है।