रबी सत्र में अब तक गेहूं बुवाई तीन प्रतिशत, तिलहन खेती का रकबा आठ प्रतिशत बढ़ा

रबी सत्र में अब तक गेहूं बुवाई तीन प्रतिशत, तिलहन खेती का रकबा आठ प्रतिशत बढ़ा

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  • Publish Date - December 16, 2022 / 06:36 PM IST,
    Updated On - December 16, 2022 / 06:36 PM IST

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) चालू रबी सत्र में गेहूं का रकबा तीन प्रतिशत बढ़कर 286.5 लाख हेक्टेयर हो गया है। इस वृद्धि का मुख्य कारण मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बुवाई के रकबे का बढ़ना है। सरकार के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

रबी सत्र की प्रमुख फसल गेहूं का रकबा पिछले साल इसी अवधि में 278.25 लाख हेक्टेयर था। रबी फसलों की बुवाई अक्टूबर से शुरू हो जाती है।

गेहूं की बुवाई के रकबे में वृद्धि की खबर मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, पश्चिम बंगाल, झारखंड और कर्नाटक से मिली है। महाराष्ट्र और हरियाणा में अब तक रकबा कम है।

गेहूं के बुवाई क्षेत्र में वृद्धि से अधिक उत्पादन हो सकता है बशर्ते मौसम इस फसल के विकास के लिए अनुकूल बना रहे। फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में गेहूं का घरेलू उत्पादन पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर इस बार 10 करोड़ 68.4 लाख टन रह गया, जिसका कारण कुछ उत्पादक राज्यों में गर्मी का बढ़ना और लू चलना था।

इस साल मई में सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। घरेलू उत्पादन में गिरावट और निजी पक्षों की तरफ से आक्रामक खरीद के कारण विपणन वर्ष 2022-23 में सरकारी स्वामित्व वाली एफसीआई की गेहूं खरीद पहले के 434.44 लाख टन से घटकर इस बार 187.92 लाख टन रह गई।

सोलह दिसंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक, धान का रकबा 11.13 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 12.64 लाख हेक्टेयर हो गया है।

अभी तक पहले के 134.01 लाख हेक्टेयर के मुकाबले अब 139.68 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुवाई की जा चुकी है, जिसमें चना खेती का रकबा पहले के 94.97 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 97.9 लाख हेक्टेयर हो गया है।

मोटे अनाज का रकबा पहले के 38.37 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 41.34 लाख हेक्टेयर हो गया है।

गैर-खाद्यान्न श्रेणी में तिलहन का रकबा पहले के 90.51 लाख हेक्टेयर से बढ़कर अब 97.94 लाख हेक्टेयर हो गया है। रबी सत्र की प्रमुख तिलहनी फसल सरसों का रकबा पहले के 83.18 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 89.99 लाख हेक्टेयर हो गया है।

भारत अपनी खाद्य तेलों की जरूरत का करीब 60 प्रतिशत आयात करता है। इसलिए सरसों के रकबे में बढ़ोतरी से सरसों तेल के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।

रबी फसलों के अंतर्गत कुल रकबा पिछले वर्ष की इसी अवधि के 552.28 लाख हेक्टेयर से बढ़कर अब तक 578.10 लाख हेक्टेयर हो गया है।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण