वाशिंगटन, 27 जून (एपी) दुनिया के सबसे नाजुक देश और भी पीछे जा रहे हैं, क्योंकि लगातार बढ़ते संघर्षों के कारण उनकी स्थिति खराब हो रही है। विश्व बैंक के पहले व्यापक अध्ययन में ये गंभीर निष्कर्ष दिए गए।
इसमें बताया गया कि 2020 में कोविड-19 महामारी के आने के बाद से ”नाजुक और संघर्ष प्रभावित स्थितियों” से जूझ रहे 39 देशों का प्रदर्शन कैसा रहा है।
विश्व बैंक के उप मुख्य अर्थशास्त्री अयहान कोसे ने कहा, ”संघर्ष और अस्थिरता से प्रभावित अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि के बजाय आर्थिक ठहराव आम बात है।”
प्रशांत क्षेत्र में मार्शल द्वीप से लेकर उप-सहारा अफ्रीका में मोजाम्बिक तक फैले इन 39 देशों की अर्थव्यवस्था 2020 से प्रति व्यक्ति आर्थिक उत्पादन के लिहाज से 1.8 प्रतिशत घटी है। दूसरी ओर इस दौरान अन्य विकासशील देशों में यह आंकड़ा औसतन 2.9 प्रतिशत प्रति वर्ष बढ़ा है।
नाज़ुक अर्थव्यवस्थाओं में 42 करोड़ से अधिक लोग प्रतिदिन तीन डॉलर से कम पर जीवन यापन कर रहे हैं। विश्व बैंक की परिभाषा के अनुसार ये लोग अत्यधिक गरीबी में रह रहे हैं।
इन 39 देशों में 21 संघर्षों से जूझ रहे हैं, जिनमें यूक्रेन, सूडान, इथियोपिया और गाजा शामिल हैं।
एपी पाण्डेय रमण
रमण