विनफास्ट इंडिया की बुकिंग जून में शुरू होगी: एशिया सीईओ

विनफास्ट इंडिया की बुकिंग जून में शुरू होगी: एशिया सीईओ

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  • Publish Date - June 1, 2025 / 04:26 PM IST,
    Updated On - June 1, 2025 / 04:26 PM IST

(थिरुमॉय बनर्जी)

हनोई, एक जून (भाषा) वियतनाम की अग्रणी कंपनी विन्ग्रुप की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) इकाई विन्फास्ट भारत में अपनी पेशकश की तैयारी कर रही है, जिसकी बुकिंग इसी महीने शुरू होगी। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

कंपनी इस साल त्योहारी सीजन से पहले भारत में अपने वीएफ7 और वीएफ6 मॉडल उतारने की योजना बना रही है और आने वाले वर्षों में देश में वार्षिक उत्पादन को बढ़ाकर 1,50,000 ईवी करने का लक्ष्य लेकर चल रही है ताकि पश्चिम-एशिया और अफ्रीका के देशों को इनका निर्यात किया जा सके।

विनफास्ट एशिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) फाम सान चाऊ ने यहां पीटीआई-भाषा से कहा कि कंपनी को उम्मीद है कि वह 2030 तक घरेलू स्तर पर 3,500 कर्मचारियों को नियुक्त करेगी।

चाऊ ने कहा कि विनफास्ट बुकिंग शुरू होने से पहले शॉपिंग मॉल और हवाई अड्डों पर अपनी कारों को प्रदर्शित करेगी।

विनफास्ट ने दो अरब डॉलर से तमिलनाडु के थूथुकुडी में अपना पहला संयंत्र स्थापित किया है।

उन्होंने कहा कि कंपनी ने थूथुकुडी में संयंत्र पर पहले ही 50 करोड़ डॉलर का निवेश किया है, और “2030 तक दो अरब डॉलर का निवेश करने की योजना है।”

चाऊ ने कहा, “हमारे उत्पाद 16 देशों में हैं, जिनमें दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया, अमेरिका शामिल हैं… और विनफास्ट पूरे तंत्र के साथ भारत आएगा। हमारा पहला लक्ष्य वीएफ7 और वीएफ6 के ज़रिए खुद को भारत में प्रीमियम ईवी कार के रूप में स्थापित करना है, जिसे हम इस साल त्योहारी सत्र तक देश में उतारने की योजना बना रहे हैं।”

वीएफ7 और वीएफ6, दोनों का उत्पादन वियतनाम में हो रहा है, जहां विनपास्ट एक प्रमुख कंपनी है। कंपनी ने अभी तक वाहनों की कीमत पर अंतिम निर्णय नहीं लिया है।

चाऊ ने कहा, “भारत एक संवेदनशील बाजार है, और हम एक किफायती कीमत रखेंगे।”

उन्होंने कहा कि ये मॉडल “प्रीमियम वाहन होंगे, और हम इस (कीमत) पर बहुत जल्द औपचारिक घोषणा करेंगे।”

कंपनी का लक्ष्य शुरुआत में सालाना करीब 50,000 कारें बनाना है और आने वाले सालों में मांग के आधार पर इस संख्या को बढ़ाकर 1,50,000 करना है।

तमिलनाडु में संयंत्र 15 महीने के भीतर स्थापित किया गया और इसके लिए चाऊ ने “राज्य और केंद्र सरकारों से मिले सहयोग” को श्रेय दिया।

भाषा अजय अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय