उपग्रह समूह के लिए ‘शून्य बोली’ निजी कंपनियों के अंतरिक्ष क्षेत्र में भरोसे का प्रतीक: इनस्पेस

उपग्रह समूह के लिए 'शून्य बोली' निजी कंपनियों के अंतरिक्ष क्षेत्र में भरोसे का प्रतीक: इनस्पेस

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  • Publish Date - August 23, 2025 / 08:31 PM IST,
    Updated On - August 23, 2025 / 08:31 PM IST

नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) भारत की अंतरिक्ष नियामक एजेंसी भारतीय राष्ट्रीय संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (इनस्पेस) ने शनिवार को कहा कि अंतरिक्ष में काम करने वाले स्टार्टअप के एक गठजोड़ ने 12 उपग्रहों के समूह के लिए ‘शून्य बोली’ लगाई है, जिससे देश के अंतरिक्ष क्षेत्र में भविष्य के मौकों को लेकर निजी क्षेत्र के भरोसे का पता चलता है।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह के दौरान इनस्पेस के चेयरमैन पवन गोयनका ने कहा कि अब हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए की गई पहलें सफल हों।

इस महीने की शुरुआत में इनस्पेस ने ‘पिक्सल स्पेस’ के नेतृत्व वाले गठजोड़ को 12 उपग्रहों वाले पृथ्वी अवलोकन उपग्रह समूह बनाने का ठेका दिया था। यह समूह अगले चार सालों में इस काम में 1,200 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।

पिक्सल की अगुवाई वाले गठजोड़ ने इस परियोजना के लिए ‘जीरो बोली’ लगाई थी, और 1,200 करोड़ रुपये की परियोजना लागत में 350 करोड़ रुपये का योगदान करने के सरकारी प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।

गोयनका ने कहा, ”पिक्सल के नेतृत्व वाले समूह की ‘जीरो बोली’ की हर जगह चर्चा हो रही है। जब सरकार 350 करोड़ रुपये देने की पेशकश कर रही हो, तो कोई शून्य बोली कैसे लगा सकता है? मेरे लिए, यह अंतरिक्ष में भविष्य के अवसरों के प्रति निजी क्षेत्र के भरोसे का एक बहुत ही शानदार उदाहरण है।”

गोयनका ने कहा, ”निजी क्षेत्र अंतरिक्ष क्षेत्र में जिस तरह का उत्साह दिखा रहा है, उससे हम भविष्य को लेकर बहुत सकारात्मक महसूस कर रहे हैं।”

भाषा योगेश पाण्डेय

पाण्डेय