छत्तीसगढ़ के अस्तित्व में शामिल होगा 31वां जिला, सीएम बघेल करेंगे शुभारंभ, मिलेंगी ये मूलभूत सुविधाएं
31st district will be included in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के अस्तित्व में शामिल होगा 31वां जिला, सीएम बघेल करेंगे शुभारंभ, मिलेंगी ये सुविधाएं
Inauguration of new district in Chhattisgarh
रायपुर।31st district will be included in Chhattisgarh: खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला अब राजनांदगांव जिले से अलग होकर एक नए प्रशासनिक इकाई का स्वरूप ले लिया है। आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस जिले का कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय का उद्घाटन किया। खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला लंबे समय तक नक्सल प्रभावित रहा है। प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण होने से शासन-प्रशासन इन क्षेत्रों में जनसामान्य के और निकट पहुंचेगा। नए जिले को आकार देने का आगाज हो चुका है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला प्रशासन द्वारा जहां जालबांधा को उप तहसील का दर्जा दिया गया। वहीं साल्हेवारा को तहसील का दर्जा देने के लिए राजपत्र में अधिसूचना जारी की गई है। जिससे जनसामान्य में उत्साह एवं हर्ष व्याप्त है। आने वाले समय में आम जनता को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और इन क्षेत्रों में आमूलचूल परिवर्तन होंगे तथा तीव्र गति से विकास होगा।
31st district will be included in Chhattisgarh: नया जिला बनने से जनआकांक्षाओं को अभिव्यक्ति मिली है और नई उम्मीद और नई संभावना के रास्ते खुले हैं। खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला सघन वनों से आच्छादित है और प्रचुर मात्रा में वन संपदा से समृद्ध है। प्रस्तावित खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई नवीन जिला दुर्ग संभाग के अंतर्गत होगा। इसके उत्तर में जिला कबीरधाम, दक्षिण में तहसील डोंगरगढ़, तहसील राजनांदगांव जिला-राजनांदगांव, पूर्व में तहसील साजा जिला-बेमेतरा, तहसील- धमधा जिला दुर्ग, पश्चिम में तहसील लांजी जिला- बालाघाट की सीमा से लगी हुई है। प्रस्तावित खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई नवीन जिले की जनसंख्या 3 लाख 68 हजार 444 है। कुल ग्रामों की संख्या 494 तथा 3 नगरीय निकाय हैं। दो उप खण्ड खैरागढ़ एवं गण्डई-छुईखदान होंगे। 3 तहसील गण्डई, छुईखदान, खैरागढ़ होंगे। वहीं 2 विकासखण्ड छुईखदान एवं खैरागढ़, 16 राजस्व निरीक्षक मंडल, 13 हजार 562 राजस्व प्रकरणों की संख्या, 1 लाख 18 हजार 183 हेक्टेयर कुल मकबूजा रकबा, 37 हजार 14 हेक्टेयर कुल गैर मकबूजा रकबा, 1 लाख 55 हजार 197 हेक्टेयर कुल राजस्व क्षेत्रफल, कुल खातेदारों की संख्या 1 लाख 53 हजार 663, 107 कुल पटवारी हल्का, 221 कुल ग्राम पंचायत, 338 कोटवार, 316 पटेल है।
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प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण होने का फायदा
31st district will be included in Chhattisgarh: दूरस्थ अंचलों के ग्रामीणों को राजनांदगांव जिला मुख्यालय आने के लिए 40 किलोमीटर लंबी दूर का सफर तय करना होता है। ऐसे में नया जिला बन जाने से उन्हें राहत मिलेगी और कई महत्वपूर्ण कार्य आसानी से होंगे। प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण होने का फायदा आम जनता को मिलेगा। बुनियादी सुविधाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, खाद्यान्न लोगों तक आसानी से उपलब्ध होगी और सुविधाओं का विस्तार होगा। वहीं शासन की लोककल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन दूरस्थ अंचलों तक आसानी होगा। रोड कनेक्टिविटी, पुल-पुलिया के निर्माण से सुदूर वनांचल के क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा बढ़ेगी। खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला के सघन वनों में लघु वनोपज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। कोदो, कुटकी, रागी, भेलवा, बहेड़ा, कालमेघ, लाख, माहुल पत्ता का संग्रहण कर इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लघु वनोपज संग्राहकों को रोजगार एवं आर्थिक लाभ मिल रहा है। इस क्षेत्र में विकास के और भी नए रास्ते खुलेंगे। वृक्षारोपण, वनोपज विदोहन, नरवा विकास, वन एवं वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र में कार्यों में प्रशासनिक कसावट आएंगी तथा विकासोन्मुखी सुविधाओं का विकास होगा।
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लघु वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र के स्थापना की स्वीकृति हुई प्राप्त
31st district will be included in Chhattisgarh: हाल ही में खैरागढ़ वनमंडल के गण्डई वन परिक्षेत्र अंतर्गत लघु वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र के स्थापना की स्वीकृति प्राप्त हुई है। 70 लाख रूपए की लागत से स्थापित होने वाले इस लघु वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र से वनोपज आधारित आजीविका के साधन सुलभ होंगे तथा सतत रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला खनिज संसाधनों के मामले में भी समृद्ध है, जिससे औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। खैरागढ़ क्षेत्र में चूना पत्थर गौण खनिज उपलब्ध है। वहीं इसके साथ ही क्वार्टजाईट, सिलिका सेण्ड, ईट मिट्टी जैसे खनिज उपलब्ध हैं। वहीं छुईखदान क्षेत्र में मुख्य खनिज चूना पत्थर उपलब्ध है तथा साधारण पत्थर एवं लौह खनिज अयस्क मिलने की संभावना है।
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लघु सिंचाई परियोजना से क्षेत्र की तस्वीर बदलेगी
31st district will be included in Chhattisgarh: शासन द्वारा 220 करोड़ 7 लाख 19 हजार रूपए की लागत से निर्माणाधीन सिद्धबाबा जलाशय लघु सिंचाई परियोजना से इस क्षेत्र की तस्वीर बदलेगी। लमती नदी में बनने वाले इस परियोजना से 34 ग्राम लाभान्वित होंगे तथा 1 हजार 840 हेक्टेयर की भूमि की सिंचाई की जा सकेगी। कृषि क्षेत्र में विकास के अवसर बढ़ेगे। वहीं सुरही जलाशय लघु सिंचाई परियोजना अंतर्गत वेस्ट वियर की ऊंचाई बढ़ाने तथा नहर का विस्तार का जीर्णोद्धार, लाइनिंग कार्य तथा नहर विस्तार किया जा रहा है। जिससे सिंचाई के रकबा में 120 हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी होगी। पिपरिया जलाशय मध्यम सिंचाई परियोजना से 91 ग्राम लाभान्वित हो रहे हैं तथा 6 हजार 240 हेक्टेयर रकबा में सिंचाई हो रही है। नया जिला गढऩे की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाये जा रहे हैं और आने वाले वर्षों में इसके सुखद परिणाम मिलेंगे।
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