बीजापुर (छत्तीसगढ़), 16 दिसंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में मंगलवार को 34 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया, जिनमें से 26 पर सामूहिक रूप से 84 लाख रुपये का इनाम था।
बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) जितेंद्र यादव ने बताया कि सात महिलाओं सहित 34 नक्सलियों ने यहां वरिष्ठ पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
उन्होंने बताया कि यह नक्सली माओवादियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी, तेलंगाना राज्य कमेटी और आंध्र ओडिशा सीमा डिवीजन में सक्रिय थे।
अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले प्रमुख नक्सलियों में पांड्रू पुनेम (45), रुकनी हेमला (25), देवा उइका (22), रामलाल पोयम (27) और मोटू पुनेम (21) शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक पर आठ लाख रुपये का इनाम है।
उन्होंने बताया कि पुनर्वास नीति के तहत, आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली अन्य सुविधाओं जैसे कौशल विकास प्रशिक्षण और अन्य सुविधाओं के साथ-साथ 50 हजार रुपये की तत्काल सहायता प्रदान की जाएगी।
राज्य सरकार की पुनर्वास नीति माओवादियों को हिंसा छोड़ने के लिए आकर्षित कर रही है।
यादव ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वालों नक्सलियों के परिवार भी चाहते हैं कि वे सामान्य जीवन जिएं और समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें।
उन्होंने बताया कि सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर, पिछले दो वर्षों में दंतेवाड़ा जिले में 824 माओवादियों ने हिंसा छोड़ दी है और मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं।
पुलिस ने बताया कि पिछले दो वर्षों में छत्तीसगढ़ में शीर्ष माओवादियों सहित 2200 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
केंद्र सरकार ने मार्च, 2026 तक देश से नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प लिया है।
भाषा सं संजीव नोमान
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