जूनियर वकीलों की ट्रेनिंग के लिए बनेगी कार्ययोजना, दुर्ग में बार एसोसिएशन का कक्ष होगा रिनोवेट, अधिवक्ता संघ के शपथ ग्रहण समारोह में सीएम भूपेश ने की घोषणा
Action plan will be prepared for training of junior lawyers of Chhattisgarh
रायपुरः training of junior lawyers of Chhattisgarh मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जूनियर अधिवक्ताओं को न्यायालयीन काम-काज की ट्रेनिंग देने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। ट्रेनिंग से जूनियर अधिवक्ताओं को फील्ड में काम करने में जहां ज्यादा सुविधा होगी, वहीं न्याय की मांग करने वाले नागरिकों को भी इसका लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से जिला अधिवक्ता संघ दुर्ग के शपथ ग्रहण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए यह घोषणा की। बघेल ने कार्यक्रम के दौरान दुर्ग बार एसोसिएशन के कक्ष में आदर्श बैठक व्यवस्था और लाइब्रेरी के आधुनिकीकरण के लिए मंजूरी दी।
training of junior lawyers of Chhattisgarh मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून की पढ़ाई करने के बाद जब जूनियर वकील न्यायालय आते हैं तो न्यायालय की कार्रवाई की पद्धति आदि का ज्ञान कम होने के कारण उन्हें आरंभिक रूप से काफी कठिनाई होती है, इसके निराकरण के लिए विधि विभाग द्वारा प्रशिक्षण की कार्ययोजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि वकील का कार्यक्षेत्र व्यापक होता है। उन्हें तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर आदि के न्यायालयों में भी जाना होता है। निर्वाचन के दौरान भी अभ्यर्थी उनके संपर्क में आते हैं तथा अनेक तरह के डाक्यूमेंट लगते हैं जिसके लिए प्रत्याशी वकीलों के पास जाते हैं। यदि अधिवक्ता प्रशिक्षित होंगे, तो वे ज्यादा बेहतर तरीके से अपना कार्य कर पाएंगे।
कार्यक्रम के दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने जूनियर अधिवक्ताओं के प्रशिक्षण के संबंध में यह सुझाव मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। मुख्यमंत्री बघेल ने उनके सुझाव की सराहना करते हुए इसे उपयोगी बताया और जूनियर अधिवक्ताओं के प्रशिक्षण के स्वरूप तथा विभिन्न पहलुओं पर ड्राफ्ट तैयार करने की जिम्मेदारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव को सौंपी। उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट तैयार कर वे इसे राज्य शासन के विधि विभाग को भेजे। जिस पर आवश्यक निर्णय लिया जाएगा।
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मुख्यमंत्री ने इस अवसर अपने संबोधन में देश और प्रदेश में वकालत की उज्ज्वल परंपरा पर भी प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों गांधी, नेहरू, पटेल, अंबेडकर, डा. राजेंद्र प्रसाद जैसी विभूतियों ने स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई न्यायालय के भीतर भी लड़ी और बाहर भी लड़ी। देश की आजादी में वकीलों का बड़ा योगदान है। प्रदेश में भी बैरिस्टर छेदीलाल, घनश्याम गुप्त, ठाकुर प्यारेलाल जैसी विभूतियों ने अपने कानूनी ज्ञान से बड़ा योगदान दिया। दुर्ग से घनश्याम गुप्त तो संविधान की हिंदी ड्राफ्ट कमेटी के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने कहा कि हिदायतुल्लाह जैसी विभूति के नाम पर छत्तीसगढ़ में विधि विश्वविद्यालय है। उन्होंने कहा कि यह उज्ज्वल परंपरा आगे बढ़ानी है और आप लोग इसके प्रति बेहद सजग होकर कार्य कर रहे हैं।
इस मौके पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि दुर्ग जिले में 13 महीनों में 16 हजार 322 प्रकरण निराकृत किये गये, जबकि इस अवधि में कोविड की वजह से कुछ समय न्यायालय बंद भी रहे। इस मौके पर उन्होंने संघ के 9 पदाधिकारियों और छह कार्यसमिति के सदस्यों को शपथ दिलाई। अधिवक्ता संघ की अध्यक्ष सुनीता जैन ने इस मौके पर कहा कि शपथ ग्रहण का मौका बेहद अहम होता है। यह हमारी परंपरा रही है ताकि हम अपने कर्तव्यों का निष्ठा से पालन करें। वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रशांत जोशी ने आभार व्यक्त किया। अधिवक्ता संघ की ओर से आशीष तिवारी मुख्यमंत्री कार्यालय से कार्यक्रम में जुड़े। जिला न्यायालय दुर्ग में आयोजित समारोह में सचिव रविशंकर सिंह, महिला उपाध्यक्ष सुसुनीता कसार, कोषाध्यक्ष अनिल जायसवाल, सह सचिव कृष्ण राज चंदेल, सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा सचिव सुमोनिका सिंह, ग्रंथालय सचिव द्रोण ताम्रकर और कुलेश्वर साहू सहित अधिवक्ता संघ के कार्यकारिणी सदस्य और बड़ी संख्या में अधिवक्ता गण उपस्थित थे।

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