Adivasi Mahotsav...why is BJP looking agitated about this?

आदिवासी महोत्सव…क्यों रुठी बीजेपी..आरोप-प्रत्यारोप करने और सवाल उठाने से किसे क्या हासिल होगा?

आरोप-प्रत्यारोप करने और सवाल उठाने से किसे क्या हासिल होगा?! Adivasi Mahotsav...why is BJP looking agitated about this?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : October 29, 2021/12:03 am IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव का आयोजन करा रही है, जिसका रंगारंग आगाज आज रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में हुआ। लेकिन इस इवेंट को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के नेता आमने-सामने है। बीजेपी राज्य सरकार पर सम्मानजनक आमंत्रण नहीं देने और इवेंट को पब्लिसिटी स्टंट बताते हुए कई आरोप लगा रही है। तो उन आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार किया कि बीजेपी नेताओं को आदिवासियों की संस्कृति और विकास पसंद नहीं है। अब सवाल ये है कि आदिवासी महोत्सव पर आरोप-प्रत्यारोप करने और सवाल उठाने से किसे क्या हासिल होगा? सवाल ये भी कि आदिवासी महोत्सव…इसे लेकर बीजेपी क्यों रूठी नजर आ रही है?

Read More: सीएम की नाराजगी की बावजूद नहीं हो सकी राजधानी की सड़कों की मरम्मत, नाकाम रही PWD, नगर निगम और CPA

सिर पर मुकुट…गले में ढोल…आदिवासियों के संग थिरकते कांग्रेस नेता.. ये राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव है, सका रंगारंग उद्घाटन गुरुवार को रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में हुआ। इस अवसर पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कांग्रेस के कई नेता मौजूद रहे। 3 दिनों तक चलने वाले आदिवासी महोत्सव में 7 देशों, 29 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों के कलाकार आदिवासी संस्कृति के रंग बिखेरेंगे। इस महोत्सव के जरिये राज्य सरकार की कोशिश है कि छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की संस्कृति और परंपरा को देश और दुनिया के सामने लाया जाए। लेकिन बीजेपी नेता इसे इत्तेफाक नहीं रखते। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कुछ इवेंट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ये उत्सव करा रही है। केवल अपनी पब्लिसिटी के लिये 10 से 20 करोड़ खर्च कर रही है। जबकि सच्चाई है कि आदिवासियों को अपने हक के लिये सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। बीजेपी आदिवासी मोर्चा ने भी आदिवासी महोत्सव को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

Read More: BJP MP गणेश सिंह और उनके दो सचिवों के खिलाफ मामला दर्ज, आचार संहिता और धारा 144 के उल्लंघन का आरोप

बीजेपी नेताओँ ने आदिवासी महोत्सव को पब्लिसिटी स्टंट बताते हुए राज्य सरकार पर आरोपों की बौछार की, तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाबी पलटवार किया कि बीजेपी नहीं चाहती कि आदिवासी जंगल से बाहर निकले। बीजेपी नेताओं की मानसिकता ही है कि आदिवासी अभी भी लंगोट पहने रहे।

Read More: युवती को जबर्दस्ती उठा ले गए बस स्टॉप से, फिर 45 दिन तक बनाया हवस का शिकार

आदिवासी महोत्सव पर जारी आरोप-प्रत्यारोपों की सियासत के पीछे की बड़ी वजह है मिशन 2023 की लड़ाई। क्योंकि दोनों ही दलों को ये पता है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता की कुर्सी आदिवासी वोटर्स और आदिवासी सीटों के सहारे ही नसीब होती है। यही वजह है कि बीजेपी ने अपने चुनावी अभियान का शंखनाद बस्तर से किया है, तो वहीं कांग्रेस सरकार ने दूसरी बार इस भव्य आयोजन में सब कुछ झोंक दिया है।

Read More: पानी के लिए सरकारी स्कूल में खुदवाया बोर, उगलने लगी आग की लपटें, देखने उमड़ी भीड़