Alert in Bastar after Dantewada Blast
दंतेवाड़ा : Alert in Bastar after Dantewada Blast छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में बुधवार को बारूदी सुरंग विस्फोट में सुरक्षाबल के 10 जवानों समेत 11 लोगों की मौत की घटना के बाद राज्य के बस्तर संभाग के सभी सात जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों से कहा गया है कि वाहनों का इस्तेमाल करने के दौरान सतर्क रहें और नक्सलियों द्वारा बिछाई गई बारूदी सुरंगों का पता लगाएं।
Read More : कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल में कोरोना ब्लास्ट, करीब 150 छात्राएं हुई कोरोना संक्रमित
Alert in Bastar after Dantewada Blast बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि दंतेवाड़ा में हुए हमले को देखते हुए क्षेत्र के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। बस्तर संभाग में कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले शामिल हैं। गर्मियों के दौरान मार्च से जून माह के मध्य तक नक्सली टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) चलाते हैं और बड़ी घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश करते हैं। पूर्व में भी इस अवधि में सुरक्षा बलों पर कई हमले किए गए हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों से कहा गया है कि वे इस दौरान सतर्क रहें और नक्सल विरोधी अभियान तेज करें।
उन्होंने बताया कि दंतेवाड़ा के पुलिस लाइन में सुबह 11 बजे शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इस दौरान, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मौजूद रहेंगे। शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थानों के लिए रवाना किया जाएगा। दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने बुधवार दोपहर सुरक्षा बलों के काफिले में शामिल एक वाहन को विस्फोट से उड़ा दिया था। इस घटना में 10 पुलिसकर्मी और एक वाहन चालक की मौत हो गई थी।
Read More : राजधानी में एक ही दिन में 7 कोरोना संक्रमितों की मौत, नए मरीजों की आंकड़े ने सबको डराया
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस हमले में शहीद जवान जिला रिजर्व गार्ड (राज्य पुलिस की एक नक्सल विरोधी इकाई) के सदस्य थे। शहीद जवानों में से आठ दंतेवाड़ा जिले के निवासी थे, जबकि एक-एक पड़ोसी जिला सुकमा और बीजापुर के रहने वाले थे। उन्होंने बताया कि शहीद जवानों में से कुछ नक्सलवाद छोड़ने के बाद सुरक्षाबल में शामिल हुए थे। बस्तर क्षेत्र के ज्यादातर युवाओं को डीआरजी में भर्ती किया गया है। यह दल नक्सलियों से लड़ने में माहिर माना जाता है। इस दल में आत्मसमर्पण करने वाले कुछ नक्सली भी शामिल हैं।