Ambikapur News: देर रात शादीशुदा प्रेमिका से मिलने पहुँचा प्रेमी, गांववालों ने पकड़कर ऐसे सिखाया सबक, फिर सामाजिक बैठक में हुआ ये बड़ा फैसला

Ambikapur News: देर रात शादीशुदा प्रेमिका से मिलने पहुँचा प्रेमी, गांववालों ने पकड़कर ऐसे सिखाया सबक, फिर सामाजिक बैठक में हुआ ये बड़ा फैसला

  • Reported By: Abhishek Soni

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  • Publish Date - September 23, 2025 / 07:26 PM IST,
    Updated On - September 23, 2025 / 07:30 PM IST

Ambikapur News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • शादीशुदा प्रेमिका से मिलने पहुँचा प्रेमी
  • घरवालों ने पकड़ा और कर दी जमकर पिटाई
  • मामले को रफा-दफा करने की गई सामाजिक बैठक

अंबिकापुर: Ambikapur News: अंबिकापुर ज़िले के लखनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत पुहपुटरा गांव से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि एक युवक देर रात अपनी शादीशुदा प्रेमिका से मिलने उसके घर पहुंचा। इस दौरान घरवालों ने युवक को रंगे हाथ पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई कर दी।

घटना के बाद मामले को पुलिस तक पहुँचाने की बजाय गांव में सामाजिक बैठक बुलाई गई। इस बैठक में दोनों पक्षों की मौजूदगी में पंचायत की तरह समझौता कराया गया। हैरानी की बात यह रही कि बैठक के दौरान युवक और महिला दोनों के हाथ-पैर बांध दिए गए।

Ambikapur News:  मामला बेहद गंभीर होने के बावजूद अब तक इसकी कोई लिखित शिकायत पुलिस थाने में दर्ज नहीं कराई गई है। इस घटना को लेकर गांव में चर्चा का माहौल है और यह कई सामाजिक सवाल भी खड़े करता है न सिर्फ प्रेम संबंधों को लेकर बल्कि कानून और पंचायत के दायरे को लेकर भी।

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"शादीशुदा प्रेमिका से मिलने" पर ग्रामीण स्तर पर क्या कानूनी कार्रवाई हो सकती है?

यदि महिला की सहमति हो, तो कोई अपराध नहीं बनता, लेकिन यदि सार्वजनिक शांति भंग हो या बलपूर्वक प्रवेश किया गया हो, तो कानूनी कार्रवाई संभव है।

क्या "पंचायत द्वारा हाथ-पैर बांधना" कानूनन सही है?

नहीं, यह पूरी तरह अवैध है। किसी व्यक्ति को बंधक बनाना, मारना-पीटना या अपमानित करना भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।

"पुलिस में शिकायत न करना" किस हद तक सही है?

अगर मामला गंभीर हो, तो पुलिस में शिकायत करना ज़रूरी है। सामाजिक बैठकों में समाधान केवल तब तक ठीक हैं जब तक वे कानूनी दायरे में हों।

"गांव की पंचायत द्वारा सज़ा देना" क्या वैध है?

गांव की पंचायतें केवल सामाजिक सलाह या समाधान दे सकती हैं, लेकिन वे किसी को सज़ा देने या कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं रखतीं।

क्या "प्रेम संबंधों" को लेकर गांव में इस तरह की घटनाएं आम हैं?

ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी परंपरागत सोच और सामाजिक दबाव के चलते ऐसे मामले देखे जाते हैं, लेकिन कानून का पालन सबसे महत्वपूर्ण है।