Publish Date - February 7, 2025 / 06:44 AM IST,
Updated On - February 7, 2025 / 12:41 PM IST
Water Crisis In CG: Image Sourec- IBC24
बालोद : Water Crisis In CG : गर्मी के मौसम में भूजल स्तर की गिरावट को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने एक अनूठी पहल की है, जिसके अंतर्गत जिला कलेक्टर और अन्य अधिकारी गांव-गांव जाकर ग्रामीण किसानों से मुलाकात कर रहे हैं और उन्हें पानी की बचत के उपायों के बारे में जागरूक कर रहे हैं। कलेक्टर द्वारा गांवों के भ्रमण के दौरान खेतों में ग्रीष्मकालीन धान की फसल के स्थान पर मक्का, चना, सरसों जैसे फसलों की सलाह दी जा रही है, ताकि पानी की खपत कम हो सके और किसानों को बेहतर आय प्राप्त हो सके।
Water Crisis In CG : कलेक्टर ने डौण्डीलोहारा विकासखंड के ग्राम बुंदेली और सुरसुली में जाकर पगडंडी मार्ग से होते हुए किसानों के खेतों तक पैदल पहुंचकर उनसे सीधे संवाद किया। उन्होंने रबी सीजन में लगाई जाने वाली फसलों और उनकी पैदावार के बारे में किसानों से जानकारी प्राप्त की। इस दौरान कलेक्टर ने किसानों को समझाया कि ग्रीष्मकालीन धान की फसल को उगाने के लिए अत्यधिक पानी की आवश्यकता होती है, जबकि वर्तमान समय में भूजल स्तर में भी निरंतर गिरावट देखी जा रही है।
Water Crisis In CG : कलेक्टर ने किसानों को यह समझाया कि यदि वे ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर मक्का, चना, सरसों, दलहन और तिलहन जैसी कम पानी वाली फसलों को अपनाएंगे, तो ना केवल पानी की खपत कम होगी, बल्कि बेहतर उत्पादन और आय भी संभव होगी। इसके अलावा, इन फसलों को उगाने से किसानों को विभिन्न मौसमों में बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे और खेती में विविधता भी आएगी।
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गर्मी के मौसम में भूजल स्तर में गिरावट को कैसे रोका जा सकता है?
गर्मी के मौसम में भूजल स्तर की गिरावट को नियंत्रित करने के लिए किसान कम पानी वाली फसलों जैसे मक्का, चना, सरसों, दलहन और तिलहन को अपनाकर पानी की खपत कम कर सकते हैं।
क्या ग्रीष्मकालीन धान की फसल के बजाय अन्य फसलें उगाना फायदेमंद है?
हां, ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर मक्का, चना, सरसों जैसी फसलों को उगाना फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि ये फसलें कम पानी की मांग करती हैं और किसानों को बेहतर आय प्राप्त करने में मदद करती हैं।
क्या जिले में पानी की कमी को लेकर प्रशासन ने कोई कदम उठाए हैं?
जी हां, जिले के कलेक्टर और प्रशासन ने इस दिशा में पहल की है। वे गांव-गांव जाकर किसानों को पानी की बचत के उपायों के बारे में जागरूक कर रहे हैं और ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर कम पानी वाली फसलों को अपनाने की सलाह दे रहे हैं।
किसानों को पानी की बचत के लिए क्या सलाह दी जा रही है?
किसानों को यह सलाह दी जा रही है कि वे ग्रीष्मकालीन धान के बजाय मक्का, चना, सरसों जैसी कम पानी वाली फसलों को अपनाएं ताकि भूजल स्तर की गिरावट को रोका जा सके और बेहतर उत्पादन प्राप्त हो सके।
कलेक्टर ने किसानों से किस प्रकार संवाद किया है?
कलेक्टर ने डौण्डीलोहारा विकासखंड के ग्राम बुंदेली और सुरसुली में पगडंडी मार्ग से होते हुए पैदल जाकर किसानों से सीधा संवाद किया और उन्हें पानी की बचत के महत्व और कम पानी वाली फसलों के बारे में समझाया।