Atmanand School Principal suspended || Image- IBC24 News File
Atmanand School Principal suspended: बलौदाबाजर: राज्य सरकार ने स्कूलों में शिक्षकों के अनुशासित रखने के लिए कई बड़े कदम उठायें है। पूर्व में मिली शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए इसका उदाहरण पेश किया गया है। हालांकि ऐसे अनुशासनहीन शिक्षक अपने करतूतों से बाज नहीं आ रहे है। ताजा मामला बलौदाबाजर जिले का है। यहां जिला कलेक्टर की कार्रवाई सामने आई है।
दरअसल जिलाधीश ने जिले के अर्जुनी स्थित आत्मानंद उत्कृष्ट शास. उच्चतर माध्यमिक स्कूल के प्राचार्य को सस्पेंड कर दिया है। प्राचार्य के खिलाफ एडमिशन के एवज में पालको से रकम वसूलने की शिकायत मिली थी। इसकी अलावा निलंबित किये गए प्राचार्य पर शराब पीकर स्कूल आने, अनुचित कदाचार, स्टाफ व अन्य लोगों से अमर्यादित व्यवहार, सहकर्मियों और कर्मचारियों को प्रताड़ित करने और अनुशासनहीनता को बढ़ावा देने जैसी गंभीर शिकायतें मिली थी।
Atmanand School Principal suspended: यह शिकायत शिक्षा विभाग से होते हुए जब जिला कलेक्टर को मिली तो उन्होंने आरोपी प्राचार्य पर निलंबन की कार्रवाई करते हुए उन्हें स्कूल से हटा दिया गया है। निलंबन काल में उनकी तैनाती लोक शिक्षण संचनालय में तय की गई है। कलेक्टर के इस आदेश से जिले के शिक्षा महकमें में हड़कंप मचा हुआ है।
मंगलवार को राज्य शासन के निर्देश पर दो सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। पहला मामला जांजगीर-चाम्पा जिले से जुड़ा है। दरअसल पिछले दिनों शासकीय प्रायमरी स्कूल सिलादेही का एक वीडियो वायरल हुआ था। जिला पंचायत उपाध्यक्ष के निरीक्षण के दौरान देखा गया था कि, टीचर बच्चों को पढ़ाने के बजाये उसने धान की छंटाई का काम करा रहे थे। यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुआ था। IBC24 ने सबसे पहले और प्रमुखता से इस खबर का प्रसारण किया था।
शिक्षक का यह कारनामा जब जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुंचा तो उन्होंने टीचर के खिलाफ जाँच-कार्रवाई के आदेश दिए थे। वही जानकारी मिली है कि, बच्चों से धान छंटाई कराने वाले शिक्षक गोपीकुमार तिवारी को फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है।
वही दूसरा मामला धमतरी जिले का है। यहां राज्य सरकार के निर्देश पर जिला अस्पताल में पदस्थ रहे जिला मलेरिया अधिकारी डॉक्टर एम ए नसीम को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई कदाचार के एवज में की गई है। दरअसल डॉक्टर एम ए नसीम जिला मलेरिया अधिकारी रहते हुए रिश्वत काण्ड में फंसे थे। 11 साल पहले 2014 में एसीबी ने उन्हें एक मलेरिया कर्मचारी से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद उनपर कानूनी मुकदमा भी दायर किया गया था। डॉक्टर एम ए नसीम को 2018 में न्यायालय ने दोषी करार दिया था और एक साल की सजा सुनाते हुए 15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया था। वही 11 साल बाद राज्य शासन ने उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने का बड़ा फैसला सुनाया है।