Naxal Sitaram Commander Love Story: प्यार के लिए नक्सल कमांडर ने छोड़ दिया लाल सलाम का साथ, नाम सुनते ही कांप जाते थे लोग, एक लव लेटर ने बदल दी सीताराम की किस्मत

प्यार के लिए नक्सल कमांडर ने छोड़ दिया लाल सलाम का साथ...Naxal Sitaram Commander Love Story: Naxal commander left Lal Salaam for love

  • Reported By: Arun Soni

    ,
  •  
  • Publish Date - March 7, 2025 / 11:48 AM IST,
    Updated On - March 7, 2025 / 12:58 PM IST

Naxal Sitaram Commander Love Story | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • नक्सली से आम इंसान बनने की अनोखी प्रेम कहानी,
  • प्यार के लिए नक्सल कमांडर ने छोड़ दिया लाल सलाम,
  • एक लव लेटर ने बदल दी गांव की किस्मत,

This browser does not support the video element.

बलरामपुर : Naxal Sitaram Commander Love Story:  छत्तीसगढ़ का बलरामपुर जिला 1990 और 2000 के दशक में नक्सलियों के आतंक से ग्रस्त था। मर्डर, लेवी वसूली, और पुलिस मुठभेड़ यहां आम घटनाएं थीं। इन्हीं नक्सली समूहों में से एक का नेतृत्व करने वाला था सीताराम, जिसका नाम सुनते ही लोग भय से कांप उठते थे। साल 1999 में सीताराम ने नक्सली ग्रुप जॉइन किया और जल्द ही अपनी बहादुरी और कठोरता के कारण एरिया कमांडर बन गया। उसके पास एसएलआर और अन्य खतरनाक हथियार थे, और वह 10 से 25 नक्सलियों का नेतृत्व करता था।

Read More :Korba Pali Blind Murder: लिव-इन की प्रेमिका कर रही थी पैसे के मांग.. तंग आकर प्रेमी ने रची हत्या की साजिश, जानें कैसे दिया वारदात को अंजाम

प्रेम पत्र से बदला जीवन

Naxal Sitaram Commander Love Story:  लेकिन उसके जीवन की दिशा उस समय बदली जब उसे एक 10वीं कक्षा की छात्रा बिराजो का प्रेम पत्र मिला। बिराजो ने उसे जंगल में मिलने बुलाया और अपने प्रेम का इज़हार किया। पहली मुलाकात के दौरान ही उसने सीताराम से कहा कि अगर वह उसका हाथ थामना चाहता है तो नक्सलवाद का साथ छोड़ना होगा। पहले तो सीताराम ने इनकार कर दिया, लेकिन लगातार होती मुलाकातों और बिराजो के स्नेह ने उसका मन बदल दिया। उसने नक्सली संगठन से छुट्टी मांगी और फिर कभी वापस नहीं गया। जाने से पहले उसके पास वसूली के 14 लाख रुपये थे, लेकिन उसने पैसे लेने के बजाय अपने परिवार की सुरक्षा को प्राथमिकता दी और बिना किसी धन के बिराजो के साथ असम चला गया।

Read More : Mahakumbh Sailor Earn 30 Crore: क्या वाकई महाकुंभ में नाविक ने कमाए 30 करोड़ रुपये?.. अखिलेश ने पूछा, ‘कितना मिला सरकार को जीएसटी?’

मृत समझे गए, लेकिन लौटे जिंदा

Naxal Sitaram Commander Love Story:  सीताराम और बिराजो के घरवालों ने उन्हें मृत मान लिया और उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया। 15 साल असम में बिताने के बाद, जब उन्हें अपने परिवार की याद आई, तो सीताराम ने अपने भाई श्रीराम को पत्र लिखा। पहले तो भाई को विश्वास नहीं हुआ, लेकिन जब सीताराम ने बचपन की बातें बताईं, तो उसे यकीन हुआ और उसने उसे वापस घर बुला लिया।

Read More : CG Ki Baat: ‘जासूसी’, टेपिंग, चुनाव..रार..डिप्टी CM का पलटवार..क्या वाकई हार के बाद नए बहाने तलाश रही है कांग्रेस ?

नए जीवन की शुरुआत, बिराजो का अडिग प्रेम

Naxal Sitaram Commander Love Story:  घर लौटने के बाद सीताराम ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया और 14 महीने जेल की सजा काटी। सजा पूरी करने के बाद अब वह अपने परिवार के साथ एक खुशहाल जीवन बिता रहा है। बिराजो ने बताया कि उसे कभी डर नहीं लगा कि वह एक नक्सली को प्रेम पत्र लिख रही थी। उसका विश्वास था कि प्रेम की ताकत उसे बदल सकती है, और ऐसा ही हुआ। आज दोनों के दो बच्चे हैं और वे एक सामान्य जीवन बिता रहे हैं। कभी जिसका नाम सुनते ही गांववाले कांप जाते थे, आज वही सीताराम उनके साथ बैठकर खाना खाता है और समाज में घुल-मिल चुका है। गांववाले उसकी मदद करते हैं ताकि वह अच्छा जीवन जी सके।

"सीताराम कौन था और उसने नक्सली संगठन कब जॉइन किया?"

सीताराम एक कुख्यात नक्सली एरिया कमांडर था, जिसने 1999 में नक्सली संगठन जॉइन किया और 10 से 25 नक्सलियों की कमान संभालता था।

"बिराजो कौन थी और उसने सीताराम से क्या मांग की?"

बिराजो 10वीं कक्षा की छात्रा थी, जिसने सीताराम से नक्सलवाद छोड़ने की शर्त पर शादी करने की बात कही।

"सीताराम ने नक्सली संगठन कब और क्यों छोड़ा?"

सीताराम ने बिराजो के प्रेम के कारण नक्सलवाद छोड़ा और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए वसूले गए 14 लाख रुपये भी छोड़ दिए।

"क्या सीताराम ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया?"

हाँ, घर लौटने के बाद उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया और 14 महीने जेल में बिताए।

"क्या अब सीताराम और बिराजो का जीवन सामान्य है?"

हाँ, वे अब अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन बिता रहे हैं और गांववाले भी उनका समर्थन कर रहे हैं।