Villagers wandering for 50 years in search of identity in Chhattisgarh's Manghai village
Villagers wandering for 50 years in search of identity in this village of Chhattisgarh: बलरामपुर। उस गांव को बसे लगभग 50 साल हो गए हैं। आबादी भी 3000 के आसपास है, लेकिन आज भी लोग पहचान की तलाश में भटक रहे गांव में किसी के पास भी पट्टा नहीं है। कई शिकायत के बाद भी किसी ने उनकी सुध नहीं ली। यह मामला जिला मुख्यालय बलरामपुर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर जनपद पंचायत राजपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत महंगई स्थित है। गांव में आबादी लगभग 3000 की है और वोटर्स की संख्या लगभग 1000 है। लगभग 50 साल पहले यह गांव बसा है, लेकिन आज तक गांव को पहचान नहीं मिल सकी है। आज भी यहां के लोग अपनी पहचान के लिए भटक रहे हैं।
गांव में किसी के पास भी जमीन का पता नहीं है। वन ग्राम होने के कारण पीढ़ी दर पीढ़ी बुजुर्गों के आंखों की उम्मीद भी उम्र के साथ कम होती गई और आज भी यहां का हाल जस का तस बना हुआ है। राजस्व में कोई रिकॉर्ड नहीं होने के कारण यहां किसी के पास भी जमीन का पट्टा नहीं है। लोग खेती तो करते हैं, लेकिन कभी भी उन्होंने समिति में इसकी बिक्री नहीं की है। हर बार अपनी धान बिचौलियों को बेच देते हैं।
Villagers wandering for 50 years in search of identity in this village of Chhattisgarh: गांव में एक ही प्राथमिक स्कूल है। बच्चे पांचवी तक पढ़ाई करते हैं उसके बाद आगे की शिक्षा के लिए जाति प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण वे पढ़ाई छोड़ देते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि सरकार की योजनाओं का उन्हें कोई भी लाभ नहीं मिल पाता है। कई बार अधिकारियों से जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाने के बाद भी आज तक किसी ने उनकी नहीं सुनी।
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