सीएम का एजेंडा सेट… बीजेपी अपसेट! क्या भाजपा के पास सरकार की इस मजबूत देसी सरकार वाली छवि का कोई विकल्प है?

प्रदेश में इन दिनों राज्य की सांस्कृतिक विरासत और तीज-त्यौहारों की चहुंओर चर्चा है। वजह है 2018 में प्रचंड बहुमत से बनी कांग्रेस सरकार ने आते ही प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था साथ-साथ अगर सबसे ज्यादा किसी बात पर फोकस किया तो वो है छत्तीसगढ़ की संस्कृति से जुड़े तीज-त्यौहार और रस्मों को खुलकर उत्सव के तौर पर मानने पर।

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  • Publish Date - May 3, 2022 / 11:20 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:11 PM IST

रायपुरः Bhupesh govt is creating  प्रदेश में इन दिनों राज्य की सांस्कृतिक विरासत और तीज-त्यौहारों की चहुंओर चर्चा है। वजह है 2018 में प्रचंड बहुमत से बनी कांग्रेस सरकार ने आते ही प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था साथ-साथ अगर सबसे ज्यादा किसी बात पर फोकस किया तो वो है छत्तीसगढ़ की संस्कृति से जुड़े तीज-त्यौहार और रस्मों को खुलकर उत्सव के तौर पर मानने पर। राम-वन-गमन पथ पर काम शुरू करने की पहल हो या हरेली, पोरा-तीजा, श्रमिक दिवस पर बोरे-बासी और अब अखा तीज यानि अक्षय तृतीया पर माटी पूजन तिहार की बात हो।

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Bhupesh govt is creating  भूपेश सरकार और कांग्रेस पार्टी ने गौरव के साथ ये बात स्वीकारी भी है वो छत्तीसगढ़ की माटी से जुडे तीज-त्योहारों को मनाएंगे ताकी लोग अपनी माटी से जुड़ें,अपनी धरोहर पर गर्व करें। लोगों को लगे की ये असल में छत्तीसगढ़ी सरकार है। दूसरी तरफ भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार मिशन 2023 को ध्यान में रखकर त्योहोरों को केवल इवेंट की तरह मना रही है ताकि असल मुद्दों पर जनता का ध्यान ना जाए। यहां बड़ा सवाल ये है कि क्या वास्तव में भाजपा के पास सरकार की इस मजबूत देसी सरकार वाली छवि का कोई विकल्प है? कोई तोड़ है?

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिस तरह से पहले राम वन गमन पथ की शरुआत की। हरेली तिहार मनाया गेड़ी चढ़े। उसके बाद श्रमिक दिवस पर श्रमिक सम्मेलन का आयोजन किया और श्रमिकों के भोजन बोरे बासी की खूबियां बताते हुए उसके खाने की अपील की । खुद भी खाया और एक मई को बोरे बासी दिवस मनाया। उसके बाद छत्तीसगढ़ के एक त्यौहार अक्ति के दिन माटी पूजन की शुरुआत की है। इससे ऐसा लगता है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के तीज त्योहार, संस्कृति को मिशन 2023 का एजेंडा बनाकर चल रहे हैं।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ी एजेंडे के सामने भारतीय जनता पार्टी पस्त नजर आ रही हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कुछ नया नहीं कर रहा है। हरेली तिहार श्रमिक दिवस और अक्ति सालों से छत्तीसगढ़ के लोग मना रहे हैं। बोरे बासी भी छत्तीसगढ़ की संस्कृति का हिस्सा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसको लेकर राजनीति कर रहे हैं जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है उससे ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस छत्तीसगढ़िया एजेंडा का उनके पास कोई तोड़ नहीं है।

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भारतीय जनता पार्टी के सांसद संतोष पांडे का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ी तीज त्यौहार के नाम पर केवल नौटंकी और राजनीति कर रहे हैं, छत्तीसगढ़ की जनता उनके और कांग्रेस के झांसे में नहीं आने वाली है। इधर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का कहना है कि जिस तरह से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की संस्कृति, तीज, त्यौहार, कला और परंपराओं को लेकर आगे बढ़ रहे हैं उसे देखकर लोग कह रहे हैं कि अब सही मायने में छत्तीसगढियों का राज आया है ।