बिलासपुर: Big Statement of Devendra Yadav लोकसभा चुनाव की तारीखों की ऐलान के बाद अब सभी राजनीतिक पार्टियां अपने अपने चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। वहीं दूसरी ओर नेताओं का आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच बिलासपुर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव का बड़ा बयान सामने आया है। देवेंद्र यादव ने कहा कि हम लोग यदुवंशी हैं लड़ने का, युद्ध करने का पुराना शक्ति है, ये हमारे खून में है। आज अगर संविधान के लिए लड़ने की बात है तो यदुवंशी लोग सामने हैं। मारेंगे, अगर संविधान बदलने की बात आयेगी तो क्यों नहीं मारेंगे। लड़ेंगे, आम जनता के लिए जरूर लड़ेंगे।
Big Statement of Devendra Yadav इससे पहले नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि, विशुद्ध छत्तीसगढिय़ा वाक्यों के बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा। छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने अपने बयान को तोड़-मरोडक़र प्रचारित-प्रसारित करने वालों को स्पष्ट किया है कि उन्हें छत्तीसगढ़ की रीति-नीति व संस्कृति का शायद ज्ञान नहीं है, इसलिए उनके सहज व विशुद्ध छत्तीसगढिय़ा वाक्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है।
डॉ. महंत ने कहा कि मैं विशुद्ध रूप से छत्तीसगढिय़ां संस्कृति में रचा-बसा हूूं। छत्तीसगढ़ की भाषाशैली का उपयोग करते समय बीच-बीच में निर्धारित प्रयोग लक्षणा-व्यंजना में आने वाले शब्दों के साथ बात करता हूं। छत्तीसगढिय़ों में एक प्रचलित वाक्य जैसे-लउठी धर के दउड़ा न…, मार न टूरा ला… जैसे कई वाक्य सहज रूप से उपयोग में लाए जाते हैं लेकिन जो लोग छत्तीसगढ़ की रीति-नीति, भाषा संस्कृति को नहीं समझते, ऐसे मीडिया प्रतिनिधियों के द्वारा गलत ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा है।
डॉ. महंत ने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री के पद और संसदीय परंपरा और गरिमा का पूरा ज्ञान है। मैं स्वयं 4 बार सांसद, 5 बार विधायक रहा और स्पीकर के साथ-साथ नेता प्रतिपक्ष होने के नाते संवैधानिक गरिमा का भी ख्याल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कईयों बार व्यक्तिगत मुलाकातें हुई है और वे मुझे भी व्यक्तिगत तौर पर जानते हैं।
डॉ. महंत ने मोदी जी के साथ की एक फोटो साझा करते हुए कहा कि जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और मैं भारत सरकार में केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री था तो उनके ही प्रदेश गुजरात के आणंद में आयोजित कार्यक्रम में काफी आत्मीयता से मुलाकात हुई। ऐसे व्यक्ति जो केवल भाजपा के नहीं बल्कि हर दल के लिए प्रधानमंत्री हैं, उन पर गलत टिप्पणी तो करने का सवाल ही नहीं उठता। मेरी भावनाओ को गलत ब्यानी कर ओछी राजनीति की आड़ लेकर मुझ जैसे छत्तीसगढिय़ा की छवि और शीर्ष नेताओं के साथ संबंधों को खराब करने का काम न करें।