Bijapur Post Office Bribery: होटल में चल रहा था रिश्वत का ‘लेन-देन’.. भनक लगते ही आ धमकी CBI, रंगे हाथों पकड़े जाने पर छूटे सरकारी बाबु के पसीने

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में डाक विभाग के चार अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ CBI ने ट्रांसफर और रिलीविंग ऑर्डर के बदले रिश्वत मांगने के आरोप में FIR दर्ज की।

Bijapur Post Office Bribery: होटल में चल रहा था रिश्वत का ‘लेन-देन’.. भनक लगते ही आ धमकी CBI, रंगे हाथों पकड़े जाने पर छूटे सरकारी बाबु के पसीने

Bijapur Post Office Bribery/ Image Source: IBC24


Reported By: Santosh Tiwari,
Modified Date: December 27, 2025 / 02:20 pm IST
Published Date: December 27, 2025 2:20 pm IST
HIGHLIGHTS
  • बीजापुर डाक विभाग में ट्रांसफर और रिलीविंग ऑर्डर के बदले रिश्वत मांगने का मामला उजागर।
  • CBI ने ताज होटल में छापा मारकर कर्मचारियों को रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ा।
  • चार डाक अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज, 20 घंटे तक पूछताछ।

Bijapur Post Office Bribery बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के डाक विभाग से सामने आए रिश्वतखोरी के मामले ने जिले में हड़कंप मचा दिया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने ट्रांसफर और रिलीविंग ऑर्डर जारी करने के बदले रिश्वत मांगने के आरोप में डाक विभाग के चार अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज की है। इस कार्रवाई को जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी और सख्त पहल माना जा रहा है।

8,000 रुपये की मांगी थी रिश्वत

Bijapur Post Office Bribery  मिली जानकारी के अनुसार, CBI को 23 दिसंबर 2025 को रायपुर स्थित कार्यालय में विश्वसनीय इनपुट मिला कि पोस्ट ऑफिस में पदस्थ कुछ अधिकारी और कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग कर कर्मचारियों से अवैध वसूली कर रहे हैं। इसके बाद 24 दिसंबर 2025 को लिखित शिकायत प्राप्त होने पर CBI ने मामले की जांच करते हुए ताज होटल में छापा मारा, जहां कर्मचारियों को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। CBI ने सत्यापन किया, जिसमें 4,000 रुपये की रिश्वत मांग की पुष्टि हुई, जबकि कुल मांग 8,000 रुपये बताई गई।

आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज

Bijapur Post Office Bribery  इस मामले में उप मंडलीय निरीक्षक (पोस्ट) शास्त्री कुमार पैंकरा, एबीपीएम संतोष आंद्रिक, मेल ओवरसीयर मलोथ शोभन और जीडीएस बीपीओ आंद्रिक को आरोपी बनाया गया है। CBI ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 161(2) तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7 के तहत FIR दर्ज की है। FIR के बाद चारों आरोपियों से लगभग 20 घंटे तक पूछताछ की गई, जिसके बाद उन्हें आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए रायपुर ले जाया गया।

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