Bijapur news: सदियों बाद हुआ आराध्य देव चिकटराज के सरहद का सीमांकन, महिलाओं के लिए वर्जित होता है दर्शन, जानिए वजह

सदियों बाद हुआ आराध्य देव चिकटराज के सरहद का सीमांकन, महिलाओं के लिए वर्जित होता है दर्शन Demarcation of the border of adorable god Chitakraj

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  • Publish Date - April 4, 2023 / 05:33 PM IST,
    Updated On - April 4, 2023 / 05:34 PM IST

Demarcation of the border of adorable god Chitakraj: बीजापुर। जिले के आराध्य देव बाबा चिकटराज का सरहद सीमांकन का कार्य देवता गुज्ज़ा देव के समक्ष गांव व नगर के सियान, पुजारी, देव प्रमुख के गरिमामयी उपस्थिति में जिला मुख्यालय के चिकट राज मंदिर में संपन्न हुआ। देव तुल्य भूमि का सरहद सीमांकन कई सदियों के बाद किया गया। सरहद सीमांकन में पुजारियों के साथ ही बड़ी संख्या में आस पास के ग्रामीण भी पहुंचे।

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बाबा चिकट देव की नगर के सरहद सीमांकन का कार्य चारों दिशा में किया गया। बाबा चिकट राज देव के सरहद सीमांकन के पूर्व में किया गया उस सीमांकन प्रतीक चिन्ह वर्तमान में भी मौजूद हैं, वहीं देवता चिकट राज कई वर्षों के बाद नगर के भ्रमण में सीमांकन के लिए निकले। रात्रि विश्राम के दौरान देवी देवताओं का मानदान आदिवासी परंपरा के अनुसार दिया गया ।

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बाबा चिकट राजदेव का दर्शन करना महिलाओं के लिए वर्जित माना जाता है। बाबा चिकट राज देव अपनी गद्दी से उठकर अपने आंगन में मेला के लिए जब 3 दिन बाहर रहते हैं, उसी दौरान महिलाएं बाबा चिकट राज देव का दर्शन कर मन्नत मांगती हैं। IBC24 से विकास बर्मन की रिपोर्ट

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