Reported By: Vishal Vishal Kumar Jha
,Bilaspur News/Image Source: IBC24
बिलासपुर: Bilaspur News: छात्राओं से यौन दुर्व्यवहार के आरोपी शिक्षक की आपराधिक अपील को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत उसकी सजा को बरकरार रखा है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने निचले कोर्ट के फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि एक शिक्षक का पद विश्वास और ज़िम्मेदारी का होता है। शिक्षक का छात्राओं के साथ यौन दुर्व्यवहार सिर्फ पेशेवर कदाचार नहीं बल्कि गंभीर अपराध भी है।
Read More : ऑनलाइन गेम की लत ने बनाया चोर, 19 साल के युवक ने घर से उड़ाए 8 लाख, पुलिस भी रह गई दंग
Bilaspur News: कोर्ट ने इस मामले में नाबालिग पीड़ितों की गवाही मामले को सुसंगत और विश्वसनीय पाया। यह अपील विशेष न्यायाधीश (एफटीएससी.) पॉक्सो एक्ट, मुंगेली द्वारा 2 मार्च, 2022 को दिए गए फैसले के खिलाफ दायर की गई थी। शिक्षक कीर्ति कुमार शर्मा को पॉक्सो अधिनियम की धारा 12 के तहत अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था। उसे दो साल, एक महीने, छह दिन के कारावास और 2500 रुपए जुर्माने की सजा निचले कोर्ट ने सुनाई थी। उल्लेखनीय है कि अपीलकर्ता पहले ही जेल की सजा काट चुका है और जुर्माना राशि जमा कर चुका है।
Bilaspur News: शिकायत पर कराई गई थी जांच बरेला मुंगेली निवासी शिक्षक कीर्ति कुमार शर्मा की शासकीय मिडिल स्कूल में शिक्षक के पद पर नियुक्ति गणित एवं अंग्रेजी पढ़ाने के लिए हुई थी। इसके बावजूद वह बिना अधिकारिता के 7 वीं कक्षा में विज्ञान पढ़ाता था। पढ़ाने के दौरान वह छात्राओं को बेड टच कर अभद्र टिप्पणी करता था। शिकायत मिलने पर जिला शिक्षा अधिकारी ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को जांच करने का आदेश दिया। 28मार्च 2019 को बीईओ प्रतिमा मंडलोई ने स्कूल पहुंचकर शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति में जांच की।
Bilaspur News: छात्राओं को गलत तरीके से छूना और अभद्र टिप्पणी शिक्षकों और छात्रों के बयान लिखित रूप में दर्ज किए गए। इसमें जानकारी मिली कि विज्ञान की कक्षाओं के दौरान, वे छात्राओं के शरीर के विभिन्न अंगों को आपत्तिजनक तरीके छूते थे। उनके सामने खुलेआम तंबाकू गुटखा चबाते रहते। इसके अलावा, जब छात्राएं शौचालय जातीं तो उनके प्रति अपमानजनक और अभद्र भाषा का प्रयोग करते थे।