Bilaspur Train Accident Update/Image Credit: IBC24
Bilaspur Train Accident: बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में मंगलवार को एक भीषण रेल हादसा हो गया जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। यह हादसा बिलासपुर के लालखदान रेलवे स्टेशन के पास हुआ, जहां रायगढ़ से आ रही मेमू ट्रेन खड़ी हुई मालगाड़ी से टकरा गई। टक्कर इतनी तेज थी कि ट्रेन के कई डिब्बे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 20 से 25 यात्री गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। घायलों को तत्काल बिलासपुर जिला अस्पताल और अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
इस बीच, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज भी बिलासपुर जाएंगे। वे दुर्घटना में घायल यात्रियों और मृतकों के परिजनों से मुलाकात करेंगे। साथ ही, घटना स्थल का निरीक्षण कर राहत कार्यों की जानकारी भी लेंगे। दीपक बैज ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह अत्यंत पीड़ादायक और चिंताजनक घटना है, और वे पीड़ितों के साथ खड़े हैं। दीपक बैज ने रेलवे पर गंभीर आरोप भी लगाए थे।
घटना के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। रेलवे प्रशासन, एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं और फंसे हुए यात्रियों को निकालने का काम शुरू किया। मौके पर स्थिति बेहद भयावह थी, ट्रेन के डिब्बों से उठता धुआं, चीख-पुकार करते घायल यात्री और रोते-बिलखते परिजन, इस दर्दनाक दृश्य ने हर किसी को झकझोर दिया। वरिष्ठ रेलवे अधिकारी और जिला प्रशासन मौके पर मौजूद हैं और लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
हादसे के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गहरा शोक व्यक्त किया है और प्रभावित परिवारों के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दुखद दुर्घटना में जिन यात्रियों की मृत्यु हुई है, उनके परिजनों को ₹5 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी। वहीं, गंभीर रूप से घायल यात्रियों को ₹50 हजार की सहायता राशि मिलेगी। इसके अलावा रेलवे प्रशासन ने भी अपनी ओर से मुआवजे की घोषणा की है, मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख, गंभीर रूप से घायल यात्रियों को ₹5 लाख और सामान्य रूप से घायल यात्रियों को ₹1 लाख की राशि प्रदान की जाएगी।
दुर्घटना का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन प्रारंभिक जांच में यह संभावना जताई जा रही है कि मेमू ट्रेन के लोको पायलट को सिग्नल क्लियर न होने के बावजूद ट्रेन आगे बढ़ाने से यह टक्कर हुई। इस मामले की जांच के लिए रेलवे की उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है, जो हादसे के तकनीकी और मानवीय पहलुओं की जांच करेगी।
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