डेंजर जोन को लेकर अलर्ट हुआ SECR, संवेदनशील क्षेत्रों में लगाया जा रहा ये सिस्टम

SECR alerted about danger zone डेंजर जोन को लेकर अलर्ट हुआ SECR, संवेदनशील क्षेत्रों में लगाया जा रहा ये सिस्टम

डेंजर जोन को लेकर अलर्ट हुआ SECR, संवेदनशील क्षेत्रों में लगाया जा रहा ये सिस्टम

SECR alerted about danger zone.

Modified Date: July 12, 2023 / 07:05 pm IST
Published Date: July 12, 2023 7:03 pm IST

बिलासपुर। बारिश को देखते हुए साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे डेंजर जोन को लेकर अलर्ट हो गया है। उड़ीसा से लेकर छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र तक रेलवे की नज़र नदी नालों, जंगलों और पहाड़ों से होकर गुजरे रेलवे ट्रेक पर है। संबंधित संवेदनशील क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी गई है। एहतियातन ट्रेक से लगे रॉक को लोहे के जाली से लॉक किया जा रहा है। ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के साथ ट्रेक के किनारे लगे पेड़ों के ट्रिमिंग व बड़ी नदियों पर रियल टाइम वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम लगाये जा रहे है। रेलवे की कवायद है, कि बारिश के दौरान संभावित किसी भी खतरे को टाला जा सके और ट्रेनों का निर्बाध परिचालन किया जा सके।

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दरअसल, साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे भौगोलिक रूप से कई जंगल, बड़े नदियों और पहाड़ों से घिरा हुआ है। इसमें उड़ीसा से लेकर छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र तक कई क्षेत्र रेलवे के लिहाज से संवेदनशील हैं। यहां रेलवे के ट्रैक नदी नालों,पहाड़ों और जंगलों से होकर गुजरते हैं। ऐसे में मानसून और बारिश की स्थिति में यहां ट्रेनों के परिचालन की सबसे बड़ी चुनौती रेलवे के सामने होती है। अब जब मानसून और बारिश शुरू हो गया है रेलवे की चुनौती बढ़ गई है। रेलवे अलर्ट हो गया है।

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संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर वहां विशेष चौकसी बरती जा रही है। जहां ट्रेक से लगे रॉक हैं उन्हें लोहे के जाली से कवर किया जा रहा है। ट्रेक के ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त किया जा रहा है, बड़े व सूखे पेड़ों की ट्रिमिंग की जा रही है। इसके साथ ही बड़े नदियों में रियल टाइम वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया जा रहा है ताकि, बारिश के दौरान संभावित किसी भी खतरे को टाला जा सके और ट्रेनों का निर्बाध परिचालन किया जा सके। रेल अधिकारियों की माने तो SECR के बिलासपुर सेक्शन, नागपुर सेक्शन और झारसुगुड़ा सेक्शन में सबसे ज्यादा भौगोलिक दिक्कतें हैं।

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इसमें खोडरी खोंगसरा, जामगा कोतरलिया, दारेकसा, सालेकसा, चिरमिरी मनेंद्रगढ़ जैसे जंगल और पहाड़ी क्षेत्र आते हैं, जहां मानसून के दौरान सबसे ज्यादा ट्रेक ब्रेक और ओएचई डाउन होने का खतरा रहता है। इसी तरह अलग-अलग सेक्शनो में स्थित बड़ी नदियां भी खतरे की आशंका बनाए रहती हैं। रेल अधिकारियों का कहना है कि, किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए रेलवे अलर्ट पर है। संवेदनशील क्षेत्रों में चौकसी के साथ स्थिति की प्रॉपर मॉनिटरिंग की जा रही है। ऐसे क्षेत्रों में ट्रेनों की गति नियंत्रण के साथ भौगोलिक परिस्थितियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए मानसून स्पेशल रिलीफ ट्रेन भी तैनात किया गया है। IBC24 से जीतेन्द्र थवैत की रिपोर्ट

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