रायपुर : Chessboard of 23 : छत्तीसगढ़ में विश्व हिंदू परिषद की पदयात्रा का आगाज हो चुका है। प्रदेश के शक्तिपीठों से संत राजधानी रायपुर के लिए कूच कर चुके हैं। इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि BJP के सभी हथियार बेअसर हो गए हैं, इसलिए अब धर्म की राजनीति की जा रही है। वहीं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि संतों की यात्रा से धर्मांतरण रुकेगा। अब चुनावी साल में इस धर्म युद्ध का उद्देश्य क्या है और इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
Chessboard of 23 : छत्तीसगढ़ के चारों दिशाओं और शक्तिपीठों से संतों ने पदयात्रा निकाली है। 17 मार्च को ये पदयात्रा रायपुर में समाप्त होगी और 19 मार्च को बड़े स्तर पर संत समागम होगा। रायपुर की धर्म संभा में एक लाख से ज्यादा संतों के पहुंचने की उम्मीद है । विश्व हिंदू परिषद के अनुसार इस यात्रा का उद्देश्य सामाजिक समरसता और धार्मिक चेतना है लेकिन संत हिंदू राष्ट्र की मांग पुरजोर तरीके से उठा रहे हैं।
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Chessboard of 23 : VHP इस यात्रा को धार्मिक बता रहा है लेकिन इसपर जमकर सियासत हो रही है। कांग्रेस ने कहा कि साधु संतों का स्वागत है लेकिन वे फर्जी राजनीति न करें।
बहरहाल, सवाल टाइमिंग का है। चुनाव के महज 9 महीने पहले VHP को हिंदू स्वाभिमान जागरण की जरूरत क्यों पड़ी? क्या संतों की यात्रा के पीछे बीजेपी है और कांग्रेस को इस यात्रा से आपत्ति क्यों है।