Vishnu Ka Sushasan: रजत जयंती वर्ष में आईटी सेक्टर में नई बुलंदियों पर पहुंचा छत्तीसगढ़, तकनीकी शैक्षणिक संस्थाओं में हुई बढ़ोतरी, आईटी हब बन रहा नवा रायपुर

रजत जयंती वर्ष में आईटी सेक्टर में नई बुलंदियों पर पहुंचा छत्तीसगढ़, Chhattisgarh reached new heights in the IT sector in the silver jubilee year

Vishnu Ka Sushasan: रजत जयंती वर्ष में आईटी सेक्टर में नई बुलंदियों पर पहुंचा छत्तीसगढ़, तकनीकी शैक्षणिक संस्थाओं में हुई बढ़ोतरी, आईटी हब बन रहा नवा रायपुर
Modified Date: September 5, 2025 / 12:07 am IST
Published Date: September 4, 2025 11:45 pm IST

रायपुरः छत्तीसगढ़ राज्य का गठन 1 नवंबर 2000 को हुआ था। उसके बाद से राज्य ने औद्योगिक और बुनियादी ढांचे के विकास पर काफी जोर दिया, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी (IT) क्षेत्र भी प्रमुख रहा है। हालांकि छत्तीसगढ़ पारंपरिक रूप से एक खनन और कृषि-प्रधान राज्य रहा है, लेकिन पिछले दो दशकों में राज्य सरकार ने आईटी सेक्टर को विकसित करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। साय सरकार आने के बाद इस दिशा में और तेजी से काम हुए हैं। छत्तीसगढ़ को अब आईटी हब बनाने की तैयारी की जा रही है।

वर्ष 2000 में जब छत्तीसगढ़ एक स्वतंत्र राज्य बना, तब सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उस समय राज्य में लगभग नगण्य थी। न तो आवश्यक तकनीकी ढांचा था, न ही प्रशिक्षित जनशक्ति की उपलब्धता। इंटरनेट की पहुंच सीमित थी, और सरकारी कामकाज भी अधिकतर कागजी प्रक्रियाओं पर आधारित था। आईटी का उपयोग केवल चुनिंदा कार्यालयों और निजी संस्थानों तक सीमित था। राज्य निर्माण के शुरुआती वर्षों में आईटी को लेकर न तो व्यापक नीति थी, न ही निवेश को आकर्षित करने के प्रयास। युवा वर्ग में तकनीकी शिक्षा की रुचि तो थी, पर संस्थानों की संख्या कम थी। ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता का अभाव था, और शहरी क्षेत्रों में भी आईटी को एक करियर के रूप में देखने वालों की संख्या सीमित थी। राज्य बनने के बाद इस दिशा में तेजी से काम हुए हैं। इन 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने आईटी क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

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सेमीकंडक्टर बनेगा छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का नया ईंधन

भारत के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में छत्तीसगढ़ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। नवा रायपुर अटल नगर में 1100 करोड़ रुपये की लागत से छत्तीसगढ़ की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट का भूमिपूजन किया जा चुका है। देश की प्रसिद्ध सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनी पोलीमैटेक इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के प्लांट की आधारशिला रखकर विकसित छत्तीसगढ़ की तरक्की को नई गति दी गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में नई उद्योग नीति और इज ऑफ डुईंग बिसनेस के तहत् राज्य द्वारा दी जा रही सुविधाओं और सहुलियतों से राज्य में निवेश का नया वातावरण तैयार हुआ है। सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनी पॉलीमैटेक ने भी दिल्ली में आयोजित इन्वेस्टमेंट समिट में छत्तीसगढ़ में निवेश की इच्छा जताई थी और मात्र तीन महीने के भीतर ही भूमिपूजन का कार्य संपन्न हुआ। यह छत्तीसगढ़ में ईज ऑफ डूईंग बिजनेस की सफलता को दर्शाती है। छत्तीसगढ़ में सेमीकंडक्टर प्लांट की स्थापना से जहां एक ओर बड़े पैमाने पर चिप्स का निर्माण होगा, वहीं तकनीकि शिक्षा प्राप्त युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी सुलभ होंगे। राज्य सरकार द्वारा न केवल सेमीकंडक्टर निर्माण पर ध्यान दिया जा रहा है बल्कि सेमीकंडक्टर के लिए पूरे इको सिस्टम तैयार करने की भी योजना पर भी काम किया जा रहा है, जिसमें चिप डिजाईन से लेकर मेनुफेक्चरिंग और पैकेजिंग की पूरी व्यवस्था होगी। राज्य सरकार द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डाटा सेंटर जैसे नए और तकनीकि उद्योगों को बढ़ावा देने से राज्य में तकनीकि शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा साथ ही रोजगार के नए-नए अवसर भी बढ़ेंगे।

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सुशासन लाने के लिए आईटी का इस्तेमाल

छत्तीसगढ़ में विष्णु देव की सरकार सुशासन लाने के लिए आईटी का बड़े पैमाने में इस्तेमाल कर रही है। जनकल्याणकारी योजनाओं से मॉनिटरिंग से लेकर वित्तीय प्रबंधन करों की वसूली, भूमि संबंधी रिकार्ड के पंजीयन, संधारण और संशोधन सहित सभी जरूरी क्षेत्रों में आईटी का इस्तेमाल हो रहा है। सरकार द्वारा लोगों तक शासकीय योजनाओं की पहुंच का दायरा बढ़ाने के साथ ही प्रशासन को मजबूत और पारदर्शी बनाने के लिए ठोस पहल करने जा रही है। सरकार के बजट में इन सभी विषयों को शामिल किया गया है। जनकल्याणकारी योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए अटल डैशबोर्ड की शुरूआत की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) के माध्यम से लोगों तक डिजिटल सेवाएं पहुंचाई जा रही हैं। इंटरनेट कनेक्टिविटी में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

तकनीकी शैक्षणिक संस्थाओं में बढ़ोतरी

तकनीकी शिक्षा में भी राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है। इंजीनियरिंग कॉलेजों और आईटीआई संस्थानों की संख्या में वृद्धि हुई है। प्रदेश में करीब 30 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। इनमें से तीन कॉलेज राज्य सरकार के अधीन है। राज्य गठन के समय यह नगण्य थी। वहीं आईटीआई की संख्या में भी ताबड़तोड़ बढ़ोतरी हुई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए राज्य के 160 आईटीआई को मॉडल आईटीआई के रूप में उन्नयन किया जा रहा है। इस बढ़ोतरी ने तकनीकी शिक्षा को व्यापक रूप में सुलभ बनाया है। गाँव-देहात से लेकर शहरी केन्द्रों तक, युवाओं को विभिन्न तकनीकी, व्यावसायिक और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों तक पहुँच मिली है। यह राज्य के औद्योगिक और डिजिटल विकास की दिशा में एक मजबूत आधार तैयार करता है।

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आईटी हब बन रहा छत्तीसगढ़

अब तक बैंगलोर, हैदराबाद और मुंबई को आईटी हब माना जाता था, लेकिन अब इस सूची में छत्तीसगढ़ का नाम भी शामिल हो रहा है। राज्य की राजधानी नवा रायपुर में आईटी और बीपीओ सेक्टर में लगातार निवेश हो रहा है, जिससे यह क्षेत्र देश के नए आईटी हब के रूप में उभर रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने नई औद्योगिक नीति और आईटी कंपनियों के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और वित्त मंत्री ओपी चौधरी की अगुवाई में नवा रायपुर को तकनीकी और रोजगार के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। स्क्वायर बिजनेस सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड ने नवा रायपुर में बीपीओ खोला है, जिसमें अब तक 1500 से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है। इनमें दंतेवाड़ा, कांकेर, धमतरी जैसे नक्सल प्रभावित जिलों के युवा भी शामिल हैं। जल्द ही टेलीपरफॉर्मेंस जैसी अन्य कंपनियों की सेवाएं भी यहां शुरू होंगी।


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।