(रिपोर्टः सौरभ सिंह परिहार) रायपुरः नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में राहुल गांधी के बाद ED ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पूछताछ के लिए तलब किया। तय वक्त पर सोनिया गांधी दिल्ली में ED दफ्तर में पेश हुईं। दूसरी तरफ दिल्ली समेत देशभर में कांग्रेसियों ने भी पुरजोर तरीके से इस पूछताछ का विरोध किया। रायपुर में कांग्रेसियों ने मार्च निकाल कर ED दफ्तर का घेराव किया और इस पूछताछ को केंद्र की भाजपा सरकारी की बदले की, दुर्भावना से ग्रसित कार्रवाई बताया। पांच घंटे की पूछताछ के बाद 25 जुलाई को ED ने फिर सोनिया गांधी को बुलाया है। जिसपर कांग्रेस जमकर विरोध जातते हुए केंद्रीय एजेंसियों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगा रही है। जवाब में भाजपा कह रही है अगर कांग्रेस लीडरशिप ने कुछ गलत नहीं किया तो इतना हंगामा क्यों है? इतना डर क्यों है?
Read more : और कितने ‘उदयपुर’? नफरत की ‘आग’.. सुलगती सियासत! आखिर कब तक इस आग में झुलसती रहेगी देश की आवाम?
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ के विरोध में दिल्ली से लेकर रायपुर तक कांग्रेसियों विरोध प्रदर्शन किया। रायपुर में कांग्रेस ने ED दफ्तर का घेराव किया। यहां प्रदर्शन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कई नेता विधायक शामिल हुए। ED दफ्तर में सोनिया की पेशी को लेकर मुख्यमंत्री ने केंद्र और बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कार्रवाई को बदले की भावना करार दिया। मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके और उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर ED वाले रमन सिंह से पूछताछ क्यों नहीं कर रहे। जिनके खिलाफ भी कई शिकायत दर्ज है।
कांग्रेस के प्रदर्शन और आरोपों पर जवाब देने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह सामने आए। उन्होंने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछताछ का उदाहरण देते हुए कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया।
Read more : घर पर सो रहा था परिवार, अचानक भरभराकर गिरी छत, पति-पत्नी समेत चार लोगों की दर्दनाक मौत
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED पहले राहुल गांधी से भी पूछताछ कर चुकी है. उस वक्त भी कांग्रेस ने इसका विरोध किया था। अब सोनिया गांधी की पेशी को लेकर भी कांग्रेसी केंद्र और ED का विरोध कर रहे हैं। अब सवाल ये है कि अगर मनी लांड्रिंग के आरोप गलत हैं तो कांग्रेसी पूछताछ का विरोध क्यों कर रहे हैं। सवाल ये भी कि कांग्रेस की दबाव वाली पॉलिटिक्स से ED के तेवर कोई बदलाव आएगा?