Publish Date - May 20, 2025 / 08:46 PM IST,
Updated On - May 21, 2025 / 12:09 AM IST
HIGHLIGHTS
पोस्टमार्टम के लिए 10-10 हजार रुपये की अवैध मांग, मामले में BMO निलंबित और एक डॉक्टर बर्खास्त
कलेक्टर सरगुजा विलास भोसकर ने खुद पीएचसी रघुनाथपुर का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।
मृतकों के परिजनों को RBसी 6/4 के तहत 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई।
रायपुर : CG News: सरगुजा के लुण्ड्रा विकासखण्ड अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रघुनाथपुर में दो बच्चों की मौत के बाद पोस्टमार्टम में लापरवाही और इसके लिए रुपये की मांग के गंभीर आरोप के मामले में कलेक्टर सरगुजा विलास भोसकर ने लुण्ड्रा के बीएमओ को निलंबित और पीएचसी रघुनाथपुर में पदस्थ चिकित्सक को तत्काल प्रभाव से कार्य मुक्त कर दिया है।
CG News: गौरतलब है कि ग्राम सिलसिला ढोढ़ा झरिया में एक हृदय विदारक घटी। यहां मछली पालन के लिए बनाए गए गहरे और असुरक्षित गड्ढे में डूबने से दो मासूम बच्चों की मौत हो गई। मृतक सूरज गिरी और जुगनू गिरी, दोनों पांच वर्षीय सगे चचेरे भाई थे। परिजनों ने आरोप लगाया कि रघुनाथपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात चिकित्सक ने पोस्टमार्टम के लिए प्रति शव 10-10 हजार रुपये की मांग की। पैसे नहीं देने पर शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया। सोमवार को जब ग्रामीणों ने दबाव बनाया और शिकायत की, तब जाकर पोस्टमार्टम किया गया।
इस मामले की जांच में प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि डॉ. राघवेंद्र चौबे खंड चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धौरपुर द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर प्रशासकीय नियंत्रण रखने में ढिलाई और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही बरती गई। जांच में यह बात भी सामने आई कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रघुनाथपुर में पदस्थ डॉ. अमन जायसवाल, अनुबंधित चिकित्सा अधिकारी का आचरण भी सेवा नियमों के विरुद्ध था। फलस्वरूप उन्हें उनके दायित्वों से कार्यमुक्त कर दिया गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि कलेक्टर विलास भोसकर ने स्वयं रघुनाथपुर पीएचसी सेंटर का निरीक्षण किया और पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। कलेक्टर ने आरबीसी 6/4 के तहत उन्हें 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि का चेक भी प्रदान किया।
यह मामला छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के लुण्ड्रा विकासखंड अंतर्गत रघुनाथपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है। वहां दो बच्चों की डूबने से मौत के बाद पोस्टमार्टम में लापरवाही और रिश्वत मांगने के आरोप लगे।
डॉक्टरों पर क्या कार्रवाई हुई है?
जांच के बाद BMO डॉ. राघवेंद्र चौबे को निलंबित किया गया और अनुबंधित चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमन जायसवाल को सेवा से कार्यमुक्त कर दिया गया।
मृत बच्चों के परिजनों को क्या सहायता दी गई है?
कलेक्टर द्वारा प्रत्येक मृतक के परिवार को 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता आरबीसी 6/4 के तहत दी गई है।
पोस्टमार्टम में देरी क्यों हुई?
परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम के लिए अवैध रूप से रुपये मांगे, पैसे नहीं देने पर पोस्टमार्टम नहीं किया गया। बाद में ग्रामीणों के दबाव और शिकायत के बाद प्रक्रिया पूरी की गई।
प्रशासन ने और क्या कदम उठाए हैं?
कलेक्टर ने स्वयं PHC का निरीक्षण किया, पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और दोषियों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।