Reported By: Komal Dhanesar
,Bhilai News/Image Source: IBC24
भिलाई: Bhilai News: छत्तीसगढ़ की विलुप्त होती पारंपरिक संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए भिलाई की समाजसेवी शांता शर्मा ने एक अनोखी पहल कर पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने अब तक 16 हजार महिलाओं और बेटियों को छत्तीसगढ़ की पारंपरिक अंडी लुगरा साड़ी भेंट की है। इस ऐतिहासिक कार्य के लिए उन्हें गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है।
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Bhilai News: इस अद्वितीय उपलब्धि की घोषणा गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के एशिया प्रमुख मनीष बिश्नोई ने भिलाई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की। उन्होंने शांता शर्मा को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया और उनके प्रयासों की सराहना की। शांता शर्मा ने बताया कि यह पहल उन्होंने अपनी संस्था रूपाली महतारी गुड़ी के माध्यम से शुरू की। उनका उद्देश्य छत्तीसगढ़ की पारंपरिक वेशभूषा, विशेषकर अंडी लुगरा साड़ी को एक बार फिर समाज में स्थान दिलाना है। वे विभिन्न अवसरों पर जैसे कि छत्तीसगढ़ की सेवा में अग्रणी महिलाओं का सम्मान, नवरात्रि के दौरान नवकन्या भोज या पारंपरिक त्योहारों में इन साड़ियों के साथ छत्तीसगढ़ी गहने भी भेंट में देती रही हैं।
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Bhilai News: इस अभियान की शुरुआत शांता ने पहली साड़ी संगीता शर्मा को भेंट कर की थी और हाल ही में 16 हजारवीं साड़ी लता ऋषि चन्द्राकर को भेंट कर उन्होंने इस वर्ल्ड रिकॉर्ड को अपने नाम किया। शांता शर्मा का यह कार्य न केवल छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़ने की एक सराहनीय कोशिश भी है। उनके इस प्रयास से निश्चित रूप से अंडी लुगरा साड़ी को फिर से पहचान मिलेगी और यह आम जनजीवन में फिर से प्रचलन में आएगी।