Gariyaband News: कब्रिस्तान से लगी जमीन पर बनी 22 दुकानों पर चला बुलडोजर, भारी पुलिस बल की मौजूदगी में कार्रवाई, समाज विशेष में नाराजगी

Gariyaband News: कब्रिस्तान से लगी जमीन पर बनी 22 दुकानों पर चला बुलडोजर, भारी पुलिस बल की मौजूदगी में कार्रवाई, समाज विशेष में नाराजगी

  • Reported By: Farooq Memon

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  • Publish Date - October 6, 2025 / 06:14 PM IST,
    Updated On - October 6, 2025 / 06:14 PM IST

Gariyaband News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • अवैध घोषित दुकानों पर चला बुलडोजर,
  • इलाके में तगड़ा पुलिस पहरा,
  • अपील रायपुर कोर्ट में लंबित,

गरियाबंद: Gariyaband News:  कब्रिस्तान से सटी भूमि पर अवैध रूप से निर्मित 22 दुकानों को जिला प्रशासन ने आज भारी पुलिस बल की मौजूदगी में ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई का नेतृत्व अपर कलेक्टर पंकज डहारे ने किया। मौके पर एसडीओपी, राजस्व अमला और बड़ी संख्या में पुलिस जवान मौजूद रहे।

तोड़फोड़ की यह कार्रवाई छह फोकलेन मशीनों की सहायता से की जा रही है। क्षेत्र में किसी भी प्रकार का तनाव न फैले, इसके लिए पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार ये दुकानें तीन साल पहले नेशनल हाईवे किनारे बनाई गई थीं। मामले की सुनवाई के दौरान एसडीएम ने इन निर्माणों को अवैध घोषित किया था।

Gariyaband News:  हालांकि इस फैसले के खिलाफ संबंधित पक्ष ने रायपुर राजस्व न्यायालय में अपील दायर की है जिस पर निर्णय अभी लंबित है। इस तोड़फोड़ की कार्रवाई को लेकर समाज विशेष में नाराज़गी व्याप्त है।

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"गरियाबंद अवैध दुकानें" क्यों तोड़ी गईं?

ये दुकानें कब्रिस्तान से सटी भूमि पर और बिना वैध अनुमति के बनी थीं, जिसे एसडीएम कोर्ट ने अवैध घोषित किया था।

"कब्रिस्तान की जमीन पर निर्माण" को लेकर क्या कानूनी स्थिति थी?

निर्माण को एसडीएम ने अवैध बताया, लेकिन मालिक पक्ष ने रायपुर राजस्व न्यायालय में अपील की है, जो अभी लंबित है।

क्या "गरियाबंद तोड़फोड़ कार्रवाई" के दौरान कोई हिंसा या विरोध हुआ?

नहीं, प्रशासन ने पहले से भारी पुलिस बल और छावनी जैसी व्यवस्था करके स्थिति को नियंत्रण में रखा।

"गरियाबंद में ध्वस्तीकरण" की कार्रवाई किसके आदेश से हुई?

यह कार्रवाई अपर कलेक्टर पंकज डहारे के नेतृत्व में और एसडीएम कोर्ट के फैसले के आधार पर की गई।

क्या "तोड़फोड़ के खिलाफ कानूनी विकल्प" अभी भी खुले हैं?

हां, अपील पहले ही रायपुर राजस्व न्यायालय में दायर की जा चुकी है, और निर्णय अभी लंबित है।