MP News: छिंदवाड़ा मामले में CM डॉ. मोहन यादव का बड़ा एक्शन, तीन अधिकारी सस्पेंड, औषधि निरीक्षक भी शामिल

MP News: छिंदवाड़ा मामले में CM डॉ. मोहन यादव का बड़ा एक्शन, तीन अधिकारी सस्पेंड, औषधि निरीक्षक भी शामिल Cough Syrup Death Case

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  • Publish Date - October 6, 2025 / 05:44 PM IST,
    Updated On - October 6, 2025 / 05:46 PM IST

MP News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • छिंदवाड़ा कांड में कार्रवाई तेज,
  • CM मोहन यादव ने तीन अधिकारी किए निलंबित.
  • भोपाल, जबलपुर और छिंदवाड़ा के अफसर सस्पेंड,

भोपाल: MP News:  मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में सामने आए दवा संबंधी गंभीर अनियमितताओं के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि मानव जीवन की सुरक्षा से जुड़े मामलों में राज्य सरकार किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर इस विषय में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए। बैठक के बाद हुई कार्रवाई के तहत तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और एक वरिष्ठ अधिकारी का तबादला किया गया है। शोभित कोष्टा, उप औषधि नियंत्रक एवं नियंत्रण प्राधिकारी, औषधि प्रशासन, भोपाल, शरद जैन औषधि निरीक्षक, जबलपुर और गौरव शर्मा औषधि निरीक्षक, छिंदवाड़ा साथ ही ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य को अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया है।

MP News:  छिंदवाड़ा जिले के परासिया स्थित ‘अपना मेडिकल स्टोर्स’ में औषधियों की बिक्री और भंडारण में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। खाद्य एवं औषधि प्रशासन कार्यालय छिंदवाड़ा द्वारा की गई जांच के बाद इस स्टोर का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी शरद कुमार जैन ने जानकारी दी कि आदेश के बाद उक्त मेडिकल स्टोर्स द्वारा दवाओं का क्रय-विक्रय पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। यदि स्टोर द्वारा आदेश का उल्लंघन किया गया तो संबंधित धाराओं के तहत तीन से पाँच वर्ष तक का कारावास भी हो सकता है।

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"छिंदवाड़ा दवा घोटाला" क्या है?

छिंदवाड़ा जिले के एक मेडिकल स्टोर में गंभीर दवा अनियमितताएं पाई गईं, जिनमें बिना अनुमति भंडारण और संदिग्ध दवाओं की बिक्री शामिल है।

"अपना मेडिकल स्टोर्स" पर क्या कार्रवाई की गई है?

जांच में गड़बड़ी पाए जाने के बाद स्टोर का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है और अब उस पर दवाओं की बिक्री और क्रय पूरी तरह प्रतिबंधित है।

"औषधि निरीक्षक निलंबन" क्यों किया गया है?

जिन अधिकारियों की लापरवाही से यह अनियमितता सामने आई, उन्हें कर्तव्य में लापरवाही के कारण निलंबित कर दिया गया है।

"ड्रग कंट्रोलर का तबादला" किस कारण हुआ है?

ड्रग नियंत्रण व्यवस्था में निगरानी की विफलता और प्रशासनिक जवाबदेही के तहत दिनेश मौर्य का स्थानांतरण किया गया है।

"छिंदवाड़ा दवा प्रकरण में सजा" का प्रावधान क्या है?

यदि स्टोर द्वारा प्रतिबंध के बावजूद दवा की बिक्री की गई, तो संबंधित धाराओं के तहत 3 से 5 साल तक का कारावास हो सकता है।