CG Panchayat Chunav News: पति-पत्नी दोनों बन गए सरपंच, रहते हैं एक ही गांव में, भारत में पहली बार हुआ ऐसा, जानिए छत्तीसगढ़ के किस गांव का है मामला

Husband and Wife Both Become Sarpanch | पति-पत्नी दोनों बन गए सरपंच, रहते एक ही गांव में हैं, भारत में पहली बार हुआ ऐसा, जानिए छत्तीसगढ़ के किस गांव का है मामला

  • Reported By: Farooq Memon

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  • Publish Date - February 22, 2025 / 02:43 PM IST,
    Updated On - February 22, 2025 / 02:44 PM IST

Husband and Wife Both Become Sarpanch / पति—पत्नी दोनों बन गए सरपंच, रहते हैं एक ही गांव में हैं / Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • पति-पत्नी बने सरपंच
  • 25 साल से एक ही गांव में रह रहे थे
  • जनता ने उन्हें सरपंच चुना

गरियाबंद: Husband and Wife Both Become Sarpanch छत्तीसगढ़ में इन दिनों पंचायत चुनाव की धूम चल रही है। पंचायत चुनाव के लिए दो चरणों का मतदान हो चुका है और परिणाम भी सामने आ चुके हैं। वहीं, कल यानि 23 फरवरी को तीसरे चरण के लिए मतदान किया जाएगा। पंचायत चुनाव के परिणाम आने के साथ-साथ कई ऐसी अजीबोगरीब खबरें भी सामने आ रही है। ऐसा ही एक मामला गरियाबंद जिले से सामने आया है, जहां पति-पत्नी अलग-अलग पंचायत से सरपंच बन गए। जबकि दोनों 25 साल से एक ही गांव में रहते हैं।

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Husband and Wife Both Become Sarpanch मिली जानकारी के अनुसार हैरान कर देने वाला ये मामला मैनपुर ब्लॉक के मूड़ागांव और दाबरीगुड़ा गांव का है। बताया गया कि हलमंत ध्रुवा मूड़ागांव के सरपंच चुने गए हैं और पत्नी पड़ोसी गांव दाबरीगुड़ा की सरपंच चुन ली गई है।

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दरअसल हलमंत की जमीन जायदाद पुश्तैनी गांव मूड़ागांव पंचायत में है। वहीं, इस गांव से लगे दाबरीगुड़ा जो कि पत्नी ललिता का मायका है, जहां हलमंत और उसकी पत्नी पिछले 25 साल से रह रहे हैं। बताया गया कि हलमंत लंबे समय से पंचायत की राजनीति में सक्रिय हैं और दोनों पंचायतों के बीच कनेक्शन जोड़ रखा है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि पति-पत्नी के अलग-अलग गांव से सरपंच बनने से किसी को कोई आपत्ति नहीं है।

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हैरानी की बात तो ये है कि निर्वाचन आयोग ने जिन कर्मचारियों को दस्तावेज की जांच और छटनी के लिए नियुक्त किया था उन्होंने भी ये गड़बड़ी नहीं पकड़ी। अब आलम ये है ​कि जनता ने दोनों को जनादेश देकर सरपंच की कुर्सी पर बैठा दिया है। लेकिन ये मामला प्रदेश ही नहीं देश का पहला मामला होगा जब पति-पति सरपंच बन गए।

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कैसे पति-पत्नी सरपंच बने?

हलमंत ध्रुवा और ललिता दोनों 25 साल से एक ही गांव में रह रहे हैं, लेकिन हलमंत मूड़ागांव के सरपंच चुने गए, जबकि ललिता दाबरीगुड़ा पंचायत से सरपंच बनीं।

क्या इस घटना से किसी को आपत्ति हुई?

हैरानी की बात यह है कि दोनों पति-पत्नी के अलग-अलग पंचायत से सरपंच बनने पर किसी को कोई आपत्ति नहीं हुई और दोनों को जनादेश प्राप्त हुआ।

क्या निर्वाचन आयोग ने इस गड़बड़ी को पकड़ा?

नहीं, निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त कर्मचारियों ने इस गड़बड़ी को पकड़ने में असफल रहे और यह मामले की जांच में चूक हुई।

यह मामला किस जिले से संबंधित है?

यह अजीबोगरीब मामला छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मैनपुर ब्लॉक के मूड़ागांव और दाबरीगुड़ा पंचायत से संबंधित है।

क्या यह घटना प्रदेश या देश में पहली बार हुई है?

हां, यह पहला मामला होगा जब पति-पत्नी अलग-अलग पंचायत से सरपंच बने हैं, और यह घटना छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देशभर में एक अनोखा मामला है।