इंद्रावती टाइगर रिजर्व में दिखा राजकीय पशु वन भैसों का झुंड, गदगद हुए वन विभाग के अधिकारी

बता दें कि प्रदेश में 2800 वर्ग किलोमीटर में फैले इंद्रावती टाइगर रिजर्व वन भैंसों के लिए उपयुक्त प्राकृतिक रहवास है, जिसके कारण यहां वन भैंसा देखने को मिलते हैं। गणवीर धम्मशील ने बताया कि इधर इंद्रावती टाइगर रिजर्व में पिछले कुछ महीनों से लगातार वन्यजीवों के देखे जाने की पुष्टि हो रही है।

इंद्रावती टाइगर रिजर्व में दिखा राजकीय पशु वन भैसों का झुंड, गदगद हुए वन विभाग के अधिकारी

forest buffaloes seen in Indravati Tiger Reserve

Modified Date: December 19, 2022 / 11:00 am IST
Published Date: December 19, 2022 11:00 am IST

forest buffaloes seen in Indravati Tiger Reserve: बीजापुर। इंद्रावती टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा छत्तीसगढ़ के राजकीय पशु वन भैसा के जनसंख्या वृद्धि, संरक्षण और संवर्धन के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस बीच इंद्रावती टाइगर रिजर्व में 6 वन भैसों का झुंड देखा गया है। उप निदेशक इंद्रावती टाइगर रिजर्व धम्मशील गणविर ने बताया कि वन भैसों के संरक्षण के लिए पेट्रोलिंग गार्ड और ग्रामीणों के साथ मिलकर निगरानी की जा रही है, ताकि इनका संरक्षण किया जा सके।

इंद्रावती टाइगर रिजर्व क्षेत्र की सीमा महाराष्ट्र से लगे होने से वन भैसों का आवागमन दोनों क्षेत्रों में होता है, इसके लिए इंद्रावती टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा महाराष्ट्र राज्य के गढ़चिरौली वन विभाग से समन्वय स्थापित किया जा रहा है, ताकि साथ मिलकर वन भैंसों के संरक्षण और संवर्धन का कार्य किया जा सके। वन भैंसा छत्तीसगढ़ में दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियों में से एक है।

forest buffaloes seen in Indravati Tiger Reserve

बता दें कि प्रदेश में 2800 वर्ग किलोमीटर में फैले इंद्रावती टाइगर रिजर्व वन भैंसों के लिए उपयुक्त प्राकृतिक रहवास है, जिसके कारण यहां वन भैंसा देखने को मिलते हैं। गणवीर धम्मशील ने बताया कि इधर इंद्रावती टाइगर रिजर्व में पिछले कुछ महीनों से लगातार वन्यजीवों के देखे जाने की पुष्टि हो रही है।

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forest buffaloes seen in Indravati Tiger Reserve: गौरतलब है कि कुछ​ दिनों पहले एक नये शेर की मौजूदगी के सबूत मिलने के बाद कुछ दिन पहले ही तेंदुआ के 2 शावकों का भी रेस्क्यू कर रायपुर के जंगल सफारी में छोड़ा गया था, वहीं अब वन भैंसो का झुंड भी देखा गया है ऐसे में इन वन्यजीवों के संरक्षण और संवर्धन के लिए वाइल्ड लाइफ विभाग के अधिकारियों के द्वारा लगातार प्रयास किए जाने की बात कही जा रही है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com