HM Amit Shah meet BJP leaders before leaving for Delhi
रायपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दो दिवसीय दौरा इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है । इसको लेकर प्रदेश की सियासत भी गरमाई हुई है ।अमित शाह यह दौरा पूरी तरह से संगठनात्मक है । कांग्रेस ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ बीजेपी मोदी की सभा की ठीक से व्यवस्था नहीं कर पा रही है इसलिए अमित शाह को आना पड़ रहा है । उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा पर सरकारी मंच के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया है।
प्रधानमंत्री की सभा के पहले केंद्रीय मंत्री अमित शाह 5 जुलाई को शाम 5 बजे रायपुर आ रहे हैं । वे एयरपोर्ट से सीधे कुशाभाऊ ठाकरे परिसर जाएंगे और वहीं पर भाजपा प्रदेश पदाधिकारी , कोर ग्रुप के सदस्यों और प्रमुख नेताओं से मेल मुलाकात और चर्चा करेंगे । वो कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में ही रात्रि विश्राम करेंगे , अगले दिन सुबह भी बैठकों और मेल मुलाकातों का दौर जारी रहेगा । इस दौरान वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा की तैयारियां की भी समीक्षा करेंगे। ऐसी चर्चा है कि छत्तीसगढ़ में पहले से मौजूद उनकी टीम द्वारा जो सर्वे रिपोर्ट तैयार की गई है उस पर चर्चा की जाएगी ।
बता दें अमित शाह की एक टीम छत्तीसगढ़ संगठन के कामकाज , संगठन और पार्टी के नेताओं के बीच तालमेल , पार्टी की स्थिति , जनप्रतिनिधियों स्थिति आदि मुद्दे को लेकर सर्वे कर रही है। प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने कहा कि अमित शाह का यह दौरा पूरी तरह से संगठनात्मक होगा । उन्होंने कहा कि ये रूटीन वाला प्रोग्राम है। सबसे चर्चा और मुलाकात करेंगे ।
अमित शाह सहित भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं के लगातार छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर केबिनेट मंत्री शिव डहरिया ने तंज कसते हुए कहा कि- “मोदी के प्रोग्राम की तैयारी छत्तीसगढ़ BJP नहीं कर पा रही है , इसलिए अमित शाह को रायपुर आना पड़ रहा है । मोदी-शाह के दौरे से कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।” कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर सरकारी मंच का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया। चर्चा इस बात की भी है कि अमित शाह को छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी दी गई है।
इसके मद्देनजर अब उनका दौरा लगातार होता रहेगा । उनकी टीम ने जो सर्वे रिपोर्ट दी है उसमें छत्तीसगढ़ में भाजपा नेताओं में गुटबाजी की शिकायत सामने आई है । कल की बैठक में अमित शाह संभवत इस पर भी चर्चा करेंगे । अब अमित शाह जैसे भाजपा के चाणक्य के छत्तीसगढ़ में सक्रिय होने से भाजपा में कितना बदलाव और फायदा होगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा ।