Corruption in Chhattisgarh: करप्शन की काली दाल..माली खा गए माल! कितने दिग्गज मंत्रियों ने अपनी रसूख का फायदा उठाया?

Corruption in Chhattisgarh: करप्शन की काली दाल..माली खा गए माल! कितने दिग्गज मंत्रियों ने अपनी रसूख का फायदा उठाया?

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  • Publish Date - February 28, 2024 / 11:20 PM IST,
    Updated On - February 28, 2024 / 11:20 PM IST

रायपुर: Corruption in Chhattisgarh IBC24 टीम ने बीते दिनों 2 पूर्व मंत्रियों से जुड़े ऐसे ठिकानों का खुलासा किया जिनपर आरोप हैं कि वो लाखों की सरकारी जमीन पर कब्जा कर, करोड़ों के सरकारी खर्च से संवारे गए। शासकीय दस्तावेजों में सामुदायिक भवनों के तौर पर दर्ज इन बिल्डिंग्स में पूर्व मंत्रियों के परिवार रहा करते थे। मामले में खुलासे के बाद भवन पर से कब्जा तो हट गया लेकिन सरकारी जमीन पर कब्जा करने और सरकारी फंड का दुरूपयोग करने वालों पर शिकंजा कब कसेगा सत्ता पक्ष ने जांच की घोषणा कर दी है तो विपक्ष का कहना है ये सब षड़यंत्रपूर्वक हो रहा है।

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Corruption in Chhattisgarh कीमती चमचमाता संगमरमर फर्श, मंहगा फर्नीचर, सेंट्रल एयर कंडीशन सिस्टम, दर्जनों एसी, लाखों कीमत के दर्जनभर सोफा सेट। ये तस्वीरें किसी फाइव स्टार होटल या अरबपति उद्योगपति के घर की नहीं है। बल्कि उन कथित समुदायिक भवनों के हैं जो बने तो हैं सरकारी जमीन पर कब्जा कर, लेकिन आरोप हैं कि इनका उपयोग कर रहे थे पूर्व मंत्री और उनके परिवार पहले बात पूर्व मंत्री शिव डहरिया और उनकी पत्नी शकुन डहरिया की। शकुन डहरिया, राजश्री सद्भवना समिति नामक संस्था चलाती हैं..साल 2022 में नगर निगम रायपुर में-महापौर एजाज ढेबर की मेयर इन काउंसिल ने शकुन डहरिया की संस्था को कार्यालय के लिए राजधानी के पौश इलाके शताब्दी नगर में 36 सौ वर्ग फीट जमीन देने का प्रस्ताव पास किया लेकिन मामला न तो सामान्य सभा में गया, ना ही सरकार ने जमीन आबंटित की उसके बावजूद पूर्व मंत्री की पत्नी शकुन डहरिया ने केवल इस एक प्रस्ताव की आड़ में अटल आवास के पुराने मकानों को तोड़ कर लगभग 50 करोड़ रुपए कीमत की 15 हजार वर्ग फीट जमीन पर कब्जा कर, ऊंची दीवार तानकर कंटीले तार लगा दिए..भ्रष्टाचार की हद देखिए, प्राशसनिक मिलीभगत से राजश्री सदभावन समिति के कार्यालय के नाम पर कब्जाई जमीन पर साढ़े तीन करोड़ रुपए खर्च कर आलीशान बंगला और गार्डन बना दिया गया, आरोप हैं की इस कार्यालय वाले पते पर पूर्व मंत्री अपने परिवार के साथ यहां रहने भी लगे। मामले पर IBC24 टीम को भंडाफोड़ के बाद निगम और प्रशासन हरकत में आया इस भवन से डहरिया परिवार का कब्जा हटाकर निगम गेस्ट हाउस बनाने की बात कही। विधायक राजेश मूणत ने मामले को विधानसभा में उठाया जिसके बाद सरकार ने इस प्रकरण की जांच कर 3 महीने में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। मामले पर पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने सफाई देते हुए कहा कि उनके परिवार के खिलाफ षड़यंत्रपूर्वक ये सब किया जा रहा है।

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इसी तरह आरोप हैं कि पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने भी विधायक कालोनी में करोड़ों की जमीन पर कब्जा कर सरगुजा कुटीर के नाम से बिल्डिंग तान रखी थी। यहां भी कोठी की शोभा बढ़ाने के लिए अलग-अलग विभाग और मदों से करोड़ों रुपए खर्च किए गए। मामले पर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने अजब सी सफाई देते हुए इस पूरे निर्माण को उचित बताया।

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इन दोनों मामलों में जांच के निर्देश दिए जा चुके हैं। मामलों पर विपक्ष का कहना है कि ये सब कुछ मोदी जी के कहने पर कांग्रेस के संभावित प्रत्याशियों को टार्गेट करने के लिए किया जा रहा है। सियासी आरोप-प्रत्यारोप से इतर इतना तो साफ है कि दोनों भी मामलों में भवनों को बनाने और संवारने में सरकारी तंत्र का जमकर दुरूपयोग किया गया। सबसे बड़ा सवाल है कि क्या मौजूदा सरकार सिर्फ जमीन से कब्जा वापस लेगी या फिर करोड़ों रुपए के हेरफेर करने वालों पर ठोस कार्रवाई कर मिसाल कायम करेगी, क्योंकि सरकार चाहे जिस भी दल की हो ये संपत्ति राज्य की है, पैसा जनता का है?

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