Chhattisgarh Ki Baat: प्रधानमंत्री की तारीफ करना सिंहदेव को पड़ा कितना भारी?.. क्या मल्लिकार्जुन खरगे ने दी है नसीहत? देखें ये रिपोर्ट..
IBC Chhattisgarh Ki Baat प्रधानमंत्री की तारीफ करना सिंहदेव को पड़ा कितना भारी? क्या मल्लिकार्जुन खरगे ने पिलाई है डांट? देखें ये रिपोर्ट
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IBC Chhattisgarh Ki Baat: रायपुर : नमस्कार छत्तीसगढ़ के नंबर वन डिबेट शो ‘छत्तीसगढ़ की बात’ में स्वागत है आपका ‘कल सियासत में मोहब्बत थी बहुत आज मोहब्बत में सियासत है बहुत..’ दरअसल, सियासत चीज ही ऐसी है, जहां हर बात के मायने निकलते हैं या निकाले जाते हैं.. (IBC Chhattisgarh Ki Baat) वैसे तो तारीफ सबको अच्छी लगती है लेकिन अगर अपने सबसे बड़े सियासी विरोधी की कोई अपना तारीफ कर दे तो उस पर बवाल मचना बड़ा स्वाभाविक है, उस पर से ये साल चुनावी है, जबकि हर बात का बंतगड़ बनता है…हुआ ये कि प्रदेश की डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव ने सरकारी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच साझा किया, ना सिर्फ मंच साझा किया बल्कि कांग्रेस के, केंद्र सरकार पर, राज्य के साथ सौतेला बर्ताव के आरोप को सिरे खारिज कर, मोदी सरकार की तारीफ कर दी…इस एक तारीफ से पार्टी के भीतर भारी तकरार मच गई है, इसी पर करेंगे सीधी डिबेट, पहले रिपोर्ट..
सिंहदेव का यही वो बयान है जो आजकल सियासी सुर्खियों का सबब है। रायगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की मौजूदगी में 14 सितंबर को सरकारी मंच सजा। जिसमें सूबे की सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर डिप्टी CM टीएस सिंहदेव शामिल हुए। मंच, मौका और माइक ऐसा था कि सिंहदेव केंद्र की तारीफ कर बैठे। सिंहदेव के इस बयान का असर रायपुर में दूसरे दिन हुई कांग्रेस की बैठक में दिखी। कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाए कि डिप्टी CM ही केंद्र सरकार की तारीफ करेंगे, तो वे मोदी के चेहरे पर लड़ रही भाजपा से कैसे निपटेंगे। CM भूपेश ने सिर्फ इतना ही कहा.. वे तो ‘महाराज’ हैं।
वहीं कैबिनेट मंत्री शिव डहरिया ने साफ-साफ कह दिया कि केंद्र ने सिंहदेव को कहां-कहां सहयोग किया, ये वही बता सकते हैं। बात बढ़ी तो सिंहदेव ने ट्वीट कर सफाई दी कि प्रदेश की अतिथि सत्कार परंपरा और सरकारी मंच की गरिमा में उन्होंने ये बात कही और अब भी वे उसी बात पर कायम हैं। बयान का बवाल यहीं नहीं थमा। हैदराबाद में हुई कांग्रेस की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तक बात पहुंचाई गई। फिर ये बात मीडिया में आई कि खरगे ने सिंहदेव को डांट पिलाई है। सवाल हुए तो मुख्यमंत्री ने मना नहीं किया। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के भीतरखाने में पिछले साढ़े चार साल तक होने वाली रस्साकसी किसी से छिपी नहीं… सामने चुनाव है तो केंद्र की लगाम पर हर कोई ‘मैं भी बढ़िया-तू भी बढ़िया’ गीत का मुखड़ा गा रहे… लेकिन बीच-बीच में सबके बयानों में रंज-ओ-गम दिखता है, जो चीख-चीखकर कहता है कि भीषण ये रण है… कुछ तो गड़बड़ है।

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