IBC24 Mind Summit: राज्य सरकार ने क्यों घटाई कस्टम मिलिंग की राशि? कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने बताई पूरी कहानी

IBC24 Mind Summit: इस समिट में हम छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रियों से जहां उनके दो साल के अनुभव पर चर्चा कर रहे हैं, तो वहीं आने वाले तीन सालों के लिए विकास और जनकल्याण के रोडमैप को भी जानने की कोशिश कर रहे हैं।

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  • Publish Date - December 13, 2025 / 10:34 PM IST,
    Updated On - December 13, 2025 / 10:34 PM IST
HIGHLIGHTS
  • IBC24 Mind Summit 2025 में पहुंचे कृषि मंत्री रामविचार नेताम
  • कस्टम मिलिंग की राशि कांग्रेस सरकार में ₹120 की गई
  • भाजपा सरकार ने घटा के ₹60 कर दिया

IBC24 Mind Summit: रायपुर। छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर आज मध्य भारत का सबसे बड़ा और विश्वसनीय न्यूज चैनल आईबीसी 24 छत्तीसगढ़ सरकार को ‘माइंड समिट’ के तौर पर मंच प्रदान कर रहा है। इस समिट में हम छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रियों से जहां उनके दो साल के अनुभव पर चर्चा कर रहे हैं, तो वहीं आने वाले तीन सालों के लिए विकास और जनकल्याण के रोडमैप को भी जानने की कोशिश कर रहे हैं।

IBC24 Mind Summit: इस दौरान आईबीसी24 के मंच पर आज कृषिमंत्री रामविचार नेताम ने सरकार की दो साल की उपलब्धियां बताई और कई सवालों के जवाब भी दिए। जब मंत्री नेताम से यह पूछा गया कि कस्टम मिलिंग की राशि कांग्रेस सरकार में ₹120 की गई। आप लोगों ने घटा के ₹60 कर दिया है। आप लोगों ने खूब आरोप लगाए थे कि इसमें हजारों करोड़ के घोटाले हुए हैं और तत्कालीन नान के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल वो भी फरार चल रहे हैं। कैसे देखें पूरे इस घटनाक्रम को?

आरोपों की जांच तो जांच एजेंसियां कर चुकी है और प्रूफ भी हो गया

इस पर मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि मुझे क्या कहना लोगों की शिकायतें जन चर्चा रही और जन चर्चा और जन शिकायत के आधार पर भारतीय जनता पार्टी ने इसको पूरे अपने घोषणा पत्र में हम लोगों ने शामिल किया कि हम इसकी जांच भी कराएंगे। हम लोगों ने जांच कराने के लिए आगे भी भेजा। अब ईडी ने जांच किया। ईडी के जांच रिपोर्ट में इन सभी बातों का खुलासा हुआ है। तो मैं कौन होता हूं बोलने वाला? जो जांच एजेंसियां हैं इन आरोपों की जांच तो जांच एजेंसियां कर चुकी है और प्रूफ भी हो गया है और उसके आधार पर कारवाईयां भी हो रही हैं। मैं समझता हूं कि जिस प्रकार से अफरातफरी मचा रहा, जिस प्रकार से अंधाधुंध लोगों से वसूली किया जाता रहा, आज उसी का नतीजा जो है आज झेल रहे हैं।

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