IGKV Demands List of Employee Who Protest Against Vice Chancellor

IGKV ने मांगी कुलपति की नियुक्ति को लेकर प्रदर्शन करने वाले प्रोफेसर, वैज्ञानिक और स्टाफ की लिस्ट, कहा- खराब हुई है विश्वविद्यालय की छवि

IGKV ने मांगी कुलपति की नियुक्ति को लेकर प्रदर्शन करने वाले प्रोफेसर! IGKV Demands List of Employee Who Protest Against New Vice Chancellor

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : February 17, 2022/11:16 pm IST

रायपुर: Protest Against New Vice Chancellor इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर मचे घमासान के बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन प्रदर्शनकारी प्रोफेसर, वैज्ञानिक और स्टाफ की लिस्ट मांगी है, जिन्होंने बुधवार को राजभवन के सामने प्रदर्शन किया था। डीन और HOD से कहा गया है कि वे 18 फरवरी तक सभी की जानकारी भेजें, जिनके प्रदर्शन की वजह से विश्वविद्यालय की छवि खराब हुई है।

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Protest Against New Vice Chancellor बुधवार को राजधानी रायपुर स्थित राजभवन के बाहर और फिर गुरुवार को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर के सामने प्रोफेसर, वैज्ञानिक और स्टाफ ने प्रदर्शन किया। कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर प्रदर्शनकारियों ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मिलने का समय मांगा और आरोप लगाया कि राजभवन ने भेदभाव बरतते हुए स्थानीय की बजाय बाहरी व्यक्ति को कुलपति बनाया जा रहा है। वहीं गुरुवार को यूनिवर्सिटी के मेनगेट पर ताला जड़कर विरोध जताया। इन प्रदर्शनों से नाराज विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी HOD और डीन को चिट्ठी लिखकर प्रदर्शन करने वालों की लिस्ट मांगी है। उनका मानना है कि इस घटना से विश्वविद्यालय की छवि खराब हुई है।

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कृषि विश्वविद्यालय में फिलहाल कार्यवाहक कुलपति के रूप से एसएन सेंगर काम कर रहे हैं और स्थायी कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया आखिरी चरण में है। लेकिन इससे पहले ही स्थानीय प्रतिभाओं को मौका न देकर बाहरी लोगों को कुलपति बनाए जाने का आरोप लगने के बाद विवाद शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने भी कहा है कि छत्तीसगढ़ में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। तो फिर बाहर के लोगों की नियुक्ति क्यों हो रही है? उन्होंने कहा कि इसे राज्यपाल को देखना चाहिए।

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छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालय समेत शैक्षणिक संस्थानों में नियुक्ति को लेकर विवाद नया नहीं है। इससे पहले भी कई बार सरकार और राजभवन की नियुक्ति को लेकर चर्चाएं और बयानबाजी होती रही हैं।

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