Jashpur News: दिव्यांग बेटी सरस्वती नायक ने नागपुरी संगीत से जीता दिल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी 1 लाख रुपए की सहायता, गदगद हो उठा पूरा परिवार

Jashpur News: दिव्यांग बेटी सरस्वती नायक ने नागपुरी संगीत से जीता दिल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी 1 लाख रुपए की सहायता, गदगद हो उठा पूरा परिवार

  • Reported By: priyal jindal

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  • Publish Date - August 22, 2025 / 08:36 PM IST,
    Updated On - August 22, 2025 / 08:36 PM IST

Jashpur News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • दिव्यांग होते हुए भी नागपुरी संगीत में बनी पहचान।
  • मुख्यमंत्री से ₹1 लाख की आर्थिक सहायता मिली।
  • राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुति, सरस्वती पूरे प्रदेश की प्रेरणा बनीं।

जशपुर : Jashpur News: प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती। जशपुर ज़िले के झोलंगा गांव की नन्हीं सरस्वती नायक इसका जीवंत उदाहरण है। दिव्यांग होने के बावजूद सरस्वती ने अपने हौसले और लगन से नागपुरी संगीत की दुनिया में एक खास पहचान बनाई है। कम उम्र में ही उसकी मधुर आवाज़ और गहन साधना ने लोगों का दिल जीत लिया है।

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Jashpur News:सरस्वती की यह संघर्षभरी यात्रा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय तक पहुँची। उनकी प्रतिभा और जज़्बे से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री ने सरस्वती को प्रोत्साहन स्वरूप 1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की। इस संवेदनशील पहल से नन्हीं कलाकार और उसका परिवार गद्गद हो उठा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरस्वती जैसी प्रतिभाएं समाज के लिए प्रेरणा हैं। हमें गर्व है कि जशपुर की धरती से ऐसी सुरों की साधिका आगे बढ़ रही है। सरकार उसकी हर संभव मदद के लिए तैयार है। सहायता राशि प्राप्त कर सरस्वती और उसके परिजनों ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि यह सहयोग उसके सपनों को नई उड़ान देगा।

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Jashpur News: जशपुर की बेटी सरस्वती सोरेन दिल्ली के नेशनल बाल भवन के मंच पर प्रस्तुति दे चुकी हैं। ज़िले की तहसील जशपुर अंतर्गत झोलंगा, पोस्ट लोखंडी की 19 वर्षीय सरस्वती सोरेन आज पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा बन गई हैं। दिव्यांग होने के बावजूद उन्होंने अपने हौसले और प्रतिभा से नागपुरी संगीत में एक अलग पहचान बनाई है। सरस्वती ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई जशपुर के दिव्यांग स्कूल से की। इसके बाद बोकारो में भी पढ़ाई की। इसी दौरान रायपुर के दिव्यांग स्कूल में सातवीं कक्षा तक पढ़ाई की।

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Jashpur News: पढ़ाई के दौरान एक बीमारी ने उनकी शिक्षा की राह रोक दी लेकिन गाने का शौक और प्रतिभा उनके अंदर और प्रखर होती गई। इसी दौरान स्कूल स्तर पर हुई गायन प्रतियोगिताओं में उन्होंने अपनी कला का लोहा मनवाया। बचपन से ही संगीत साधना में लीन सरस्वती ने मंच पर कई प्रस्तुतियां दीं। वह दिल्ली के नेशनल बाल भवन जैसे प्रतिष्ठित मंच पर भी अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं, जहां उनकी आवाज़ ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। संगीत साधना को आगे बढ़ाने में यह सहयोग उनके लिए सहारा बनेगा। जशपुर की यह होनहार बेटी आज पूरे क्षेत्र के लिए गौरव का विषय बन गई है।

सरस्वती सोरेन कौन हैं और उन्हें "मुख्यमंत्री सहायता राशि" क्यों मिली?

"सरस्वती सोरेन" जशपुर की एक दिव्यांग युवती हैं जिन्होंने नागपुरी संगीत में अपनी अद्भुत प्रतिभा से पहचान बनाई है। मुख्यमंत्री ने उनके जज़्बे और हुनर को सम्मानित करते हुए ₹1 लाख की सहायता राशि दी है।

सरस्वती सोरेन ने किन मंचों पर प्रस्तुति दी है?

सरस्वती ने दिल्ली के नेशनल बाल भवन जैसे प्रतिष्ठित मंच पर प्रस्तुति दी है, जहां उनकी गायन प्रतिभा की सराहना हुई।

सरस्वती सोरेन की पढ़ाई और संगीत साधना कहां हुई है?

उन्होंने जशपुर, बोकारो और रायपुर के दिव्यांग स्कूलों में पढ़ाई की। शिक्षा में रुकावट के बावजूद उन्होंने संगीत साधना को निरंतर जारी रखा।

"सरस्वती सोरेन" की कहानी क्यों प्रेरणादायक मानी जा रही है?

दिव्यांगता के बावजूद उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में हार नहीं मानी और अपनी मेहनत, समर्पण और प्रतिभा से संगीत की दुनिया में एक मिसाल कायम की है।

क्या सरकार भविष्य में सरस्वती जैसी प्रतिभाओं के लिए और योजनाएं लाएगी?

मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि सरस्वती जैसी प्रतिभाओं को हरसंभव मदद दी जाएगी और उनकी तरह अन्य होनहारों को भी आगे बढ़ने के अवसर दिए जाएंगे।