जशपुर जिले के अंतिम छोर पर बसे महनई से लगभग दो किलोमीटर दूर जंगलों के अंतर यह जलप्रपात स्थित है।
तीरथगढ़ जलप्रपात की ऊंचाई लगभग 300 फीट है. लेकिन जशपुर में हाल ही में सामने आए मकरभंजा जलप्रपात की ऊंचाई लगभग साढ़े चार सौ फीट से भी अधिक बताई जा रही है।
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यह जलप्रपात महज दो स्टेप में गिर रहा है. बता दें कि बलरामपुर जिले की सीमा से सटे जशपुर जिले के अंतिम छोर पर बसे महनई से लगभग दो किलोमीटर दूर जंगलों के अंतर यह जलप्रपात स्थित है।
मकरभंजा झरना – में पहुंचने के लिए दो किलोमीटर पैदल और कई फीट गहरी खाई से सटे रास्तों से चलकर पहुंचा जा सकता है।
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मकरभंजा झरना काफी ऊंचाई से गिरने की वजह से इस जलप्रपात का दृश्य काफी मनोरम दिखता है।
इस जलप्रपात के बारे में जानने के बाद कई पर्यटक इसे देखने भी आ ही रहे हैं पर खतरनाक रास्तों की वजह से ज्यादातर लोग जलप्रपात तक नही पहुंच पा रहे।
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