Kawardha Regional Forensic Lab: गृहमंत्री के क्षेत्र में शुरू हुआ नया रीजनल फोरेंसिक लैब.. फिंगरप्रिंट, हथियार से लेकर डीएनए तक की जांच होगी आसान

नव स्थापित प्रयोगशाला में आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता से घटनास्थलों से प्राप्त रक्त, डीएनए, बाल, रेशे, फिंगरप्रिंट, हथियार, गोली-बारूद और नशीले पदार्थों जैसे सूक्ष्मतम साक्ष्यों का परीक्षण त्वरित गति से होगा।

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  • Publish Date - September 6, 2025 / 02:56 PM IST,
    Updated On - September 6, 2025 / 03:57 PM IST

Kawardha Regional Forensic Lab || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • कवर्धा में पांचवीं फॉरेंसिक लैब का उद्घाटन
  • अब डीएनए-फिंगरप्रिंट जांच स्थानीय स्तर पर
  • न्याय प्रक्रिया होगी तेज और पारदर्शी

Kawardha Regional Forensic Lab: कवर्धा: छत्तीसगढ़ राज्य की 5वीं नई क्षेत्रीय फोरेंसिक लैब आज कवर्धा में स्थापित की गई। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने आज शुभारंभ किया। यह न सिर्फ कवर्धा जिला बल्कि बेमेतरा, मुंगेली और खैरागढ़ जिले के अपराधिक मामले में प्राप्त सबूत की सूक्ष्मतम से जांच हो सकेगी। फिंगरप्रिंट, हथियार से लेकर डीएनए तक की जांच अब संभव है।

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उपमुख्यमंत्री ने बताया कि अपराधों की जांच और न्यायिक प्रक्रिया को अधिक वैज्ञानिक व सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ा है। इसी कड़ी में जिले में प्रदेश की 5वीं क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला की शुरुआत किया गया जिसके कार्यालय के लिए जोराताल में 5 एकड़ जमीन भी मिल गया है। प्रदेश में स्थापित प्रयोगशालाओं का अब तक का अनुभव यह साबित कर चुका है कि जहां वैज्ञानिक रिपोर्ट समय पर उपलब्ध होती है वहां न्यायिक प्रक्रिया न केवल तेज होती है बल्कि अधिक पारदर्शी भी होती है।

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Kawardha Regional Forensic Lab: नव स्थापित प्रयोगशाला में आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता से घटनास्थलों से प्राप्त रक्त, डीएनए, बाल, रेशे, फिंगरप्रिंट, हथियार, गोली-बारूद और नशीले पदार्थों जैसे सूक्ष्मतम साक्ष्यों का परीक्षण त्वरित गति से होगा। वहीं पुलिस विवेचकों को वैज्ञानिक रिपोर्ट मिलने में होने वाली देरी समाप्त होगी।

Q1. कवर्धा में कौन सी प्रयोगशाला शुरू हुई है?

यह छत्तीसगढ़ की 5वीं क्षेत्रीय फॉरेंसिक लैब है।

Q2. किन जिलों को मिलेगा इसका लाभ?

कवर्धा, बेमेतरा, मुंगेली और खैरागढ़ जिलों को लाभ होगा।

Q3. इस लैब से जांच प्रक्रिया में क्या फायदा होगा?

सबूतों की वैज्ञानिक जांच तेज और न्याय प्रक्रिया पारदर्शी होगी।