Education Level in CG: छत्तीसगढ़ में इस जगह के 35 हजार बच्चों ने बीच में ही छोड़ दी पढ़ाई, होटल और गैरेजों में कर रहे काम, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान |

Education Level in CG: छत्तीसगढ़ में इस जगह के 35 हजार बच्चों ने बीच में ही छोड़ दी पढ़ाई, होटल और गैरेजों में कर रहे काम, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

छत्तीसगढ़ में इस जगह के 35 हजार बच्चों ने बीच में ही छोड़ दी पढ़ाई, होटल और गैरेजों में कर रहे काम, Level of education in CG: 35 thousand children have dropped out of school in Bastar division

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Reported By: Naresh Mishra

Modified Date: May 20, 2025 / 12:09 AM IST
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Published Date: May 19, 2025 8:19 pm IST
HIGHLIGHTS
  • बस्तर संभाग में 35,000 बच्चों ने स्कूल छोड़ा, शिक्षा व्यवस्था पर सवाल।
  • शिक्षकों की भारी कमी और खराब गुणवत्ता बनी मुख्य वजह।
  • शिक्षा विभाग द्वारा पुनः नामांकन और जागरूकता अभियान की तैयारी।

जगदलपुरः Education Level in CG: बस्तर संभाग में पिछले 5 सालों में रिकॉर्ड तोड़ 35 हजार बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी है। सिर्फ बस्तर जिले में पिछले 5 साल में दो हजार बच्चों ने पढ़ाई छोड़ी है, जबकि संभाग के सात जिलों का यह आंकड़ा 35 हजार । अंदरूनी इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता खराब होने के कारण इतनी बड़ी संख्या में छात्र पढ़ाई छोड़ रहे है। इसके अलावा सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी भी एक बड़ा कारण है।

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Education Level in CG: वहीं शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों का कहना है कि नए सत्र में स्कूलों में प्रवेश के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। शाला त्यागी बच्चों को चिन्हित करने का काम भी विभाग ने शुरू कर दिया। स्कूल में पढ़ाई छोड़ कर होटल और गैरेज में काम करने वाले बच्चों को इस सत्र में प्रवेश कराया जाएगा।

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बता दें कि सरकार हर वर्ष अलग अलग योजनाओं के जरिए करोड़ों रुपए शिक्षा के नाम पर खर्च करती है। खासतौर पर आदिवासी बहुल बस्तर में शिक्षा पर हमेशा सरकारों का जोर रहा है, लेकिन सरकारी मशीनरी शिक्षा की गुणवत्ता को मेंटेन नहीं कर पा रही। यहीं कारण है कि स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। 

बच्चों ने पढ़ाई क्यों छोड़ी?

मुख्य वजह शिक्षकों की कमी, शिक्षा की खराब गुणवत्ता, और दूरदराज के क्षेत्रों में स्कूल तक पहुंच की कठिनाई है।

यह समस्या किन जिलों में अधिक है?

बस्तर संभाग के सातों जिलों – जैसे बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर आदि में यह समस्या गंभीर रूप से देखी जा रही है।

क्या सरकार ने कोई कदम उठाए हैं?

हां, शिक्षा विभाग ने स्कूल छोड़ चुके बच्चों को चिन्हित कर पुनः स्कूल में दाखिला दिलाने की योजना बनाई है। इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।

क्या ये बच्चे बाल मजदूरी कर रहे हैं?

जी हां, इनमें से कई बच्चे होटलों, गैरेजों और दुकानों में मजदूरी कर रहे हैं, जो एक सामाजिक और कानूनी चिंता का विषय है।

सरकार शिक्षा पर कितना खर्च करती है?

सरकार हर साल शिक्षा के नाम पर कई करोड़ रुपये खर्च करती है, विशेष रूप से आदिवासी बहुल क्षेत्रों के लिए योजनाएं लागू की जाती हैं। लेकिन इनका असर जमीनी स्तर पर सीमित है।