Bilaspur DRM Removed, image source; ibc24
बिलासपुर : Bilaspur DRM Removed, बीते दिनों बिलासपुर में हुए रेल हादसे पर बड़ा एक्शन हुआ है। DRM बिलासपुर राजमल खोईवाल हटा दिए गए हैं। अब उनकी जगह उमेश कुमार नए DRM होंगे। उमेश कुमार का तबादला वेस्टर्न रेलवे से SECR में हुआ है रेल हादसे के बाद बड़ा फेरबदल किया गया है। डायरेक्टर रेलवे बोर्ड ने यह आदेश जारी किया है।
बता दें कि बिलासपुर में 4 नवंबर को हुए ट्रेन हादसे में 12 लोगों की मौत हुई थी। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 4 नवंबर को हुए ट्रेन हादसे की कमिशन ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आई थी। इसमें रेल प्रशासन की लापरवाही की बात कही गई है। प्रमुख रूप से रेलवे अफसर और सिस्टम की लचर व्यवस्था को दोषी बताया गया था।
मामले की जांच करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन दक्षिण पूर्व सर्किल – कोलकाता के रेल सुरक्षा आयुक्त बीके मिश्रा ने रेल हादसे की जांच की। उन्होंने घटना स्थल पर पहुंचकर निरीक्षण करते हुए तीन दिन तक इलेट्रिकल ओपी, इलेक्ट्रकल, एसएंडटी, मैकेनिकल, सीएंडडब्लू सहित अन्य विभाग के अफसरों व कर्मचारियों से पूछताछ की थी। सीआरएस ने प्रारंभिक रिपोर्ट में रेल हादसे का बड़ा कारण अप्रशिक्षित चालक को बताया है।
रेल हादसे के 20 दिन बाद सीआरएस मिश्रा ने मामले की मुख्य अभियुक्त मेमू की असिस्टेंट लोको पायलट रश्मि राज से केन्द्रीय रेलवे हॉस्पिटल में जाकर घटना के संबंध में दो घंटे तक चर्चा की थी। सोमवार की रात रेल सुरक्षा आयुक्त मिश्रा ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट एसईसीआर जोन मुख्यालय और डिवीजन को भेज दी है।
इस रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि लोकल ट्रेन के हादसे की पूरी गलती रेल प्रशासन की है। विभाग ने चालक को साइको टेस्ट में पास नहीं होने के बाद भी यात्री ट्रेन को चलाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। अगर यात्री ट्रेन की कमान किसी को देना था तो उसे सायकोलोजिकल टेस्ट पास चालक को दिया जाना था। रेल प्रशासन की गलती के कारण यह हादसा हुआ है, जिसे सुधार करने की आवश्यकता है।
हादसे के लिए रेल सेफ्टी आयुक्त ने रेल प्रशासन के अलावा चालक को जिम्मेदार ठहराया है। आगामी दिनों में इस तरह की कोई घटना न हो सके, इसके लिए विशेष सुझाव भी रेल प्रशासन के अफसरों को दिया है, जिसमें ट्रेन परिचालन सुगम बनाने तथा अन्य उपकरणों द्वारा दर्ज किए गए इवेंट्स से मिलान करने के लिए सभी मानिटरिंग और रिकार्डिंग उपकरणों की घड़ियों को जीपीएस समय से स्वतः समन्वित करने कहा गया है।