Reported By: Devendra Mishra
,ShikshaKarmi Bharti Scam | Photo Credit: IBC24
मगरलोड: ShikshaKarmi Bharti Scam धमतरी ज़िले का मशहूर मगरलोड भर्ती घोटाला एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। साल 2007 की शिक्षाकर्मी भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई थी। स्वीकृत 150 पदों के बजाय 172 नियुक्तियाँ की गईं और कई अपात्र उम्मीदवारों को फर्जी अंकतालिका, अनुभव पत्र और झूठे प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी दिलाई गई।
ShikshaKarmi Bharti Scam मामला 2011 में उजागर हुआ था, जब आरटीआई कार्यकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस और सीआईडी ने तफ्तीश शुरू की, लेकिन कार्रवाई की रफ़्तार बेहद सुस्त रही। अब पुलिस ने ताज़ा कदम उठाते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें सीताराम कुर्रे, इशू कुमार साहू और तत्कालीन जनपद उपाध्यक्ष कोमल यदु, जो चयन समिति के सदस्य थे शामिल हैं। ये तीनों इस समय किसी पद पर नहीं है, लेकिन जांच में उनके खिलाफ पुख़्ता सबूत मिलने पर गिरफ्तारी की गई।
अदालत पहले ही इस घोटाले के कई गुनाहगारों को सज़ा सुना चुकी है। सन 2020 में दस शिक्षाकर्मियों को फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी पाने का दोषी मानते हुए पाँच साल की सश्रम कैद और जुर्माने की सज़ा दी गई थी। फिलहाल इस मामले में करीब 183 लोगों पर जांच चल रही है। इनमें कई अब भी सरकारी नौकरी कर रहे हैं और सरकारी से मोटी तंख्वाह भी ले रहे हैं। जिससे पूरे शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
2007 में शिक्षाकर्मी वर्ग-3 की भर्ती में स्वीकृत 150 पदों की जगह 172 पद यानी 22 अतिरिक्त पद बढ़ाकर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। फर्जी अनुभव, फर्जी जॉइनिंग लेटर और सरकारी दस्तावेजों में फर्जी हस्ताक्षरों के सहारे यह गड़बड़ी की गई। अब सवाल यह है कि इन फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले तत्कालीन अधिकारियों तक पुलिस पहुंच पाएगी या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा।”