Baikunthpur District Hospital: स्वास्थ्य मंत्री के सामने ही आचार संहिता के नियमों का ज्ञान देने लगे CMHO, अस्पताल में मरीज से ज्यादा कॉकरोच, वार्ड…बेड… सभी जगह सिर्फ…
CMHO teach Health Minister : स्वास्थ्य मंत्री के सामने ही आचार संहिता के नियमों का ज्ञान देने लगे CMHO, अस्पताल में मरीज से ज्यादा कॉकरोच, वार्ड...बेड... सभी जगह सिर्फ...
बैकुंठपुर: CMHO teach Health Minister कोरोना संक्रमण के दौर में अस्पतालों से दिल दहला देने वाले मंजर देखने को मिले थे। वहीं कोरोना खत्म होने के बाद ये माना जा रहा था कि अस्पतालों की स्थिति सुधर गई है, लेकिन ऐसा सोचना भी आपकी गलती साबित हो सकती है। जी हां बैकुंठपुर जिला अस्पताल में की हालत ऐसी है कि वार्ड में ही नहीं बल्कि मरीजों के बेड में भी कॉकरोच को बिंदास घूमते नजर आते हैं। हैरानी की बात तो ये है कि छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल इसी क्षेत्र से आते हैं।
CMHO teach Health Minister मिली जानकारी के अनुसार बैकुंठपुर जिला अस्पताल में बदहाली का आलम ऐसा है कि यहां मरीज इलाज करवाने के लिए जाने से पहले 100 बार सोचेंगे। दरअसल यहां मरीज से ज्यादा कॉकरोचों की मौजूदगी है। वार्ड से लेकर मरीजों के बेड पर भी कॉकरोच घूमते देख सकते हैं। अब सोचने वाली बात ये है कि जहां मरीज उपचार कराने आते हैं वहीं गंदगी का आलम है तो यहां बिमार आदमी कैसे स्वस्थ होगा?
वहीं, जब अस्पताल के वार्ड और मरीजों के बेड में कॉकरोच होने के संबंध में CMHO आरएस सेंगर से बात की तो उनका कहना है कि आचार संहिता खत्म होने के बाद ही कुछ व्यवस्था की जा सकेगी। इतना ही नहीं CMHO ने ये भी कहा कि कॉकरोच खत्म करने के लिए हीट लाया गया। कॉकरोच की समस्या तो ऐसी है कि पूरी तरह कभी खत्म नहीं हो सकती है। सोचने वाली बात तो ये है कि क्या आचार संहिता के चलते स्वास्थ्य सुविधाओं और स्वच्छता को नजरअंदाज किया जा सकता है?
मामले में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का कहना है कि IBC24 के माध्यम से मुझे जानकारी मिली है। अगर अस्पताल में ऐसा आलम है तो जल्द ही समस्याओं को दूर किया जाएगा। लेकिन जैसे ही रिपोर्टर ने उन्हें बताया कि समस्या दूर करने के लिए CMHO आचार संहिता खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। उनके पास फंड रहता है जिसका उपयोग करके समस्याओं को दूर किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई बड़ा काम हो तो निर्वाचन आयोग से अनुमति लेकर किया जा सकता है। स्वास्थ्य का मामला गंभीर है ऐसे मामलों में लापरवाही सही नहीं है।

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