Celebrations in Naxal areas: 35 नक्सलियों के मौत के बाद बस्तर के गांवो में जश्न का माहौल.. पुलिस ने गांव वालों में बांटी मिठाइयां, दिया नारियल..
Celebration in the villages of Bastar after the killing of Naxalites मारे गए 35 में से 6 माओवादियों का आतंक इलाके में सिर चढ़कर बोल रहा था। इन खूंखार माओवादियों से न सिर्फ पुलिस बल्कि ग्रामीण भी काफी परेशान थे।
Celebration in the villages of Bastar after the killing of Naxalites
Celebration in the villages of Bastar after the killing of Naxalites: नारायणपुर: महीने के शुरुआत में बस्तर से बड़ी खबर निकलकर सामने आई थी। डीआरजी और एसटीएफ के जवानों ने नारायणपुर-दंतेवाड़ा के सीमावर्ती थुलथुली गांव में बड़े नक्सल विरोधी अभियान को अंजाम देते हुए 35 नक्सलियों को मार गिराया था। हालांकि पुलिस के हाथ 31 माओवादियों के शव ही लगे थे, बाकी चार लाशें नक्सली अपने साथ ले गए थे। इस मुठभेड़ में मरने वालों में सभी नक्सली बेहद हार्डकोर थे और कंपनी नंबर 6 के सदस्य थे। इनमें डीवीसी मेंबर कमलेश, नीति उर्फ़ उर्मिला और मीना नेताम समेत कई तेलंगाना कॉडर के माओवादी भी शामिल थे।
Police-Naxalites Encounter Latest Upates
Celebration in the villages of Bastar after the killing of Naxalites: छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियान को मिली यह अबतक की सबसे बड़ी कामयाबी थी। पुलिस मुठभेड़ में एक साथ इतनी संख्या में नक्सली नहीं मारे गए थे। पुलिस का दावा था कि इस ऑपरेशन में करीब 1000 सशस्त्र जवान शामिल थे जिन्होंने नक्सलियों के पूरे कम्पनी को ही ढेर कर दिया था।
Celebration in the villages of Bastar after the killing of Naxalites: बहरहाल इलाके के खूंखार नक्सलियों के मारे जाने से अब ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है। मुठभेड़ क्षेत्र के गाँवो में पुलिस और ग्रामीण मिलकर इस कामयाबी का जश्न मना रहे है। इस एनकाउंटर के बाद पुलिस की टीम खुद गाँव पहुंची। उन्होंने ग्रामीणों के बीच नारियल और मिठाइयां बंटवाया। पुलिस ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया है कि जल्द ही पूरे क्षेत्र को नक्सल मुक्त कर दिया जाएगा।
Celebration in the villages of Bastar after the killing of Naxalites: दरअसल मारे गए 35 में से 6 माओवादियों का आतंक इलाके में सिर चढ़कर बोल रहा था। इन खूंखार माओवादियों से न सिर्फ पुलिस बल्कि ग्रामीण भी काफी परेशान थे। बताया जाता हैं कि हथियार के दम पर नक्सली ग्रामीणों को धमकियां देते थे। इसके अलावा माओवादी उन्हें हथियारों के बल पर सभी तरह के सरकारी योजनाओं से दूर रखते हुए जनताना सरकार के मुताबिक रहन-सहन के लिए मजबूर करते थे। वही अब उनके मारे जानें से इलाके में उनका दहशत भी ख़त्म हो गया है। ग्रामीणों ने भी राहत की साँस ली है।

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