One day National Seminar organized on Partition Horror Memorial Day

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन, शहीदों के अमर बलिदान को दी गई श्रद्धांजलि

National Seminar organized on Partition Horror Memorial Day : गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) के मानव विज्ञान

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : August 12, 2022/10:32 pm IST

बिलासपुर : National Seminar organized on Partition Horror Memorial Day : गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) के मानव विज्ञान एवं जनजातीय विकास विभाग द्वारा दिनांक 12 अगस्त, 2022 को सुबह 11 बजे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आजादी के 75 साल पर अमतृ महोत्सव के अंतर्गत विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। रजत जयंती सभागार में आयोजित कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन कर मां सरस्वती एवं बाबा घासीदास की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने से हुआ। तरंग बैंड के सदस्यों ने सरस्वती वंदना एवं कुलगीत की मनमोहक प्रस्तुति दी। संगोष्ठी के प्रारंभ में विभाजन के दौरान लाखों शहीदों के अमर बलिदान को श्रद्धांजलि प्रदान की गई। मंचस्थ अतिथियों का नन्हें पौधे से स्वागत किया गया। राष्ट्रीय संगोष्ठी के सह-समन्वयक डॉ. घनश्याम दुबे सहायक प्राध्यापक इतिहास विभाग ने स्वागत उद्बोधन दिया। समन्वयक डॉ. नीलकंठ पाणिग्राही विभागाध्यक्ष, मानव विज्ञान एवं जनजातीय विकास विभाग ने विषय का प्रवर्तन किया।

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 National Seminar organized on Partition Horror Memorial Day : अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि कुछ लोगों की विकृत मानसिकता और महत्वाकाक्षाओं ने भारत विभाजन की विभीषिका का दंश दिया है। कुछ मुट्ठीभर लोगों की सियासत ने विभाजन की लकीर खींच दी और लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया। ऐसे लोग सभ्य समाज में इंसान कहलाने लायक नहीं हैं। मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है और संस्कार से बड़ी कोई पूंजी नहीं है। मानवीयता, मूल्य और संस्कारों से मजबूत व्यक्ति, सशक्त समाज, दृढ़ राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है।

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National Seminar organized on Partition Horror Memorial Day : सन् 1947 के विभाजन में कई परिवारों ने अपना सबकुछ गंवा दिया लेकिन उनके पास संस्कार और मानवीयता भाव थे जिन्होंने ने उन सभी वीर बलिदानियों को हमारे भीतर चिरस्मरणीय बनाये रखा है। विश्व के कई हिस्सों में युद्ध जारी हैं लेकिन हमें बेहतर समाज और राष्ट्र के निर्माण के लिए आत्म अवलोकन की आवश्यकता है ताकि हम विभाजन की विभीषिका से सबक लेकर मानवता के धर्म को सर्वोपरि रखते हुए जीवन में आगे बढ़ें।

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 National Seminar organized on Partition Horror Memorial Day :  संगोष्ठी में कुलपति ने विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस पर कविता का पाठ भी किया- मासूमों के लहू से लिखी इबारत, आज एक बार फिर याद आई है। जो खाते थे कसमें वतन परस्ति की, चीरा है सीना उन लोगों ने अपनों का। कुछ दरख्त टूटे, टूटे हैं आशियाने बेहिसाब, सबने मिलके ये कैसी कयामत बरपाई है। इल्म नहीं है जिन्हें मजहब का, हाकिम बन बैठे हैं, ये कैसी दानाई है।

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 National Seminar organized on Partition Horror Memorial Day :  आभासी माध्यम से जुड़े मुख्य अतिथि डॉ. ओमजी उपाध्याय निदेशक (शोध एवं प्रशासन) आईसीएचआर, नई दिल्ली ने कहा कि हमें विभाजन की त्रासद पीड़ा और विभीषिका को समझने के लिए अध्ययन और विमर्श करना होगा। हमें उस दौर के लोगों और परिजनों से मिलकर उनकी पीड़ा का समझना होगा। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में हमें उन लोगों बलिदानियों को नमन करना चाहिए जिन्होंने विभाजन के दर्द को सहा है। जो राष्ट्र या समाज अपने इतिहास से सबक नहीं लेता और उसे याद नहीं रखता है वो समाप्त हो जाता है। हमें राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए उसकी एकता और अंखडता अक्षुण्ण रखना होगा।

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 National Seminar organized on Partition Horror Memorial Day :  विशिष्ट अतिथि नागेंद्र वशिष्ठ बौद्धिक प्रमुख मध्य क्षेत्र जबलपुर आभासी माध्यम से जुड़कर कहा कि विभाजन की विभीषिका के लिए जिम्मेदार लोगों को याद न करते हुए हमें उन लोगों को याद करना चाहिए जिन्होंने राष्ट्र को सुरक्षित बनाने में सहयोग किया। कमजोर राष्ट्र को कोई स्थान नहीं मिलता हमें राष्ट्र को सामाजिक रूप से मजबूत बनाने का प्रयास करना चाहिए। इतिहास में हुई गलतियों से सीख लेते हुए हमें सामाजिक सौहार्द और आपसी प्रेम व भाईचारे को बनाये रखना होगा।

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 National Seminar organized on Partition Horror Memorial Day :  विशिष्ट अतिथि डॉ. आभा रुपेंद्र पाल सेवानिवृत्त प्राध्यापक इतिहास विभाग पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर ने कहा कि विभाजन का असली दर्द है कि एक दूसरे को मारने वाले कोई और नहीं बल्कि अपने थे। पहले विदेशियों ने भारतीयों पर जुल्म किये लेकिन यह त्रासदी अपनों ने ही उत्पन की थी। उन्होंने इतिहास के पन्नों को पलटाया और उस दौर में महिलाओं और बच्चों के साथ हुए दुर्व्यवहार को उजागार किया। कई कवियों और लेखकों ने भी विभाजन की विभीषिका को अपने आलेखों में उद्धृत किया है।

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 National Seminar organized on Partition Horror Memorial Day :  संगोष्ठी में विभाजन की विभीषिका की पीड़ा झेलने वाले परिवार के सदस्य संतराम जेठवानी को मंचस्थ अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। कुलपति द्वारा विभाजन की विभीषिका पर चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। इसमें विभाजन के दौरान हुई विभिन्न घटनाओं, विस्थापन और त्रासदी के चित्र व संदेश अंकित हैं। कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव सूरज कुमार मेहर ने धन्यवाद ज्ञापन एवं संचालन डॉ. सोनिया स्थापक सहायक प्राध्यापक शिक्षा विभाग ने किया। अतिथियों का स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया गया। इस अवसर पर विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।

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