It is difficult to select BJP candidates on all five assembly seats in Raigarh
अविनाश पाठक, रायगढ़। जिले में पांचों विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी चयन करना इस बार बीजेपी के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि जिले की कुछ विधानसभा सीटों पर जहां प्रत्याशियों की लंबी फेहरिस्त है तो वहीं, कुछ सीटों पर भाजपा को मजबूत दावेदार ही नहीं मिल रहे। ऐसे में भाजपा को दावेदारों का पैनल बनाने में काफी मशक्त करनी पड़ रही है।
दरअसल, हाल ही में भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने रायगढ़ में बड़ी बैठक ली थी। इस दौरान प्रदेश की सभी 90 सीटों को लेकर जहां समीक्षा बैठक हुई थी तो वहीं रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र की सभी आठों सीटों में दावेदारों का पैनल बनाकर भेजने का निर्देश भी जिला भाजपा को दिया था। ऐसे में भाजपा अंधरुनी तौर पर दावेदारों की तलाश में जुट गई है। सभी विधानसभा सीटों पर मजबूत दावेदारों की सूची तैयार की जा रही है। हालांकि कुछ सीटों पर भाजपा को पैनल बनाने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।
ऐसा इसलिए क्योंकि यहां दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है। बात करें रायगढ़ विधानसभा सीट की तो इस सीट पर सबसे अधिक दावेदारी है। भाजपा के पास अब तक 22 से अधिक दावेदारों के आवेदन आ चुके हैं। कमोबेश लैलूंगा विधानसभा सीट पर 13, तो सारंगढ सीट से दर्जन भर से अधिक दावेदार टिकट मांग रहे हैं।
ठीक इसके विपरीत खरसिया विधानसभा सीट पर भाजपा के पास दावेदारों का टोटा है। इस सीट पर भाजपा के पास गिने चुने नाम हैं। कमोबेश धरमजयगढ़ सीट पर भी भाजपा को योग्य प्रत्याशी तलाशने में पसीने छूट रहे हैं। इस सीट पर भी अब तक कोई मजबूत चेहरा पार्टी को नहीं मिल पाया है। हालांकि धरमजयगढ से भी तकरीबन आधा दर्जन नामों का पैनल तैयार हो चुका है। हालांकि जिला भाजपा का कहना है कि पार्टी में टिकट मांगने का सबको अधिकार है ऐसे में संख्या अधिक होना कोई बडी बात नही है। कुछ सीटों पर भाजपा को जीत नही मिल पा रही है। ऐसी सीटों पर दावेदारों की संख्या कम है। टिकट वितरण के दौरान प्रदेश संगठन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखकर योग्य प्रत्याशी का चयन करेगा।
भाजपा संगठन का ये भी कहना है, कि जिन सीटों पर पार्टी कभी चुनाव नहीं जीती है उन सीटों में प्रत्याशी की घोषणा पहले हो सकती है। लिहाजा सभी सीटों को लेकर भाजपा लगातार मंथन रही है। चूंकि भाजपा में आम कार्यकर्ता भी चुनाव लड सकता है लिहाजा जीतने वाली सीटों पर दावेदारों की संख्या अधिक है। इसे पाजिटिव वे पर लेना चाहिए। ये तय है कि इस चुनाव में भाजपा पूरी तरह योग्य व जीतने वाले व्यक्ति को ही टिकट देगी। टिकट वितरण के लिए किसी तरह की कोई मशक्कत करने की जरुरत नहीं होगी।