The district administration strictly created a stir among the colonizers
रायगढ़। जिले में कालोनियों के नाम पर की जा रही अवैध प्लाटिंग के खिलाफ जिला प्रशासन सख्ती पर उतर आया है। कलेक्टर के निर्देश पर जिले में नगर निगम और राजस्व विभाग की ज्वाइंट टीम गठित की गई है कि शहर में सभी कालोनियों की रेंडमली जांच करेगी। इतना ही नहीं बेजा कब्जा पाए जाने पर तत्काल अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई भी करेगी। दो दिन के भीतर ही जिला प्रशासन की टीम ने सात जगहों से अतिक्रमण हटाया है। ऐसे में बेजा कब्जा कर अवैध प्लाटिंग करने वाले कालोनाइजरों में हड़कंप मचा हुआ है।
फरवरी में बेजा कब्जे की 45 शिकायतें
दरअसल, रायगढ शहर में पिछले कुछ महीनों से अवैध प्लाटिंग का सिलसिला धड़ल्ले से जारी है। भू-माफिया शहर की सीमा से लगे प्राइम लोकेशन्स में न सिर्फ सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं, बल्कि नियम विरुद्ध प्लाटिंग भी कर रहे हैं। सिर्फ जनवरी महीने में ही अवैध प्लाटिंग की 6 शिकायतें जिला प्रशासन को मिली थी, जिसमें लगभग 20 एकड़ की सरकारी जमीन पर कब्जा किया गया था। अक्टूबर से फरवरी तक अवैध प्लाटिंग व बेजा कब्जे की 45 शिकायतें नजूल विभाग को मिली थीं। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है।
कलेक्टर के निर्देश हुई कार्रवाई
जिला कलेक्टर ने कालोनियों की जांच के लिए नगर निगम और राजस्व विभाग की ज्वाइंट टीम गठित की है। टीम में एसडीएम तहसीलदार, नगर निगम कमिश्नर सहित राजस्व अमले को शामिल किया गया है। टीम शहर की सभी कालोनियों की रेंडमली जांच करेगी। जिन इलाकों में अवैध प्लाटिंग पाई गई है उऩ प्रकरणों पर पहले कार्रवाई की जाएगी। प्रशासनिक टीम ने 52 कालोनियों की सूची तैयार की है। गुरुवार से टीम ने कार्रवाई शुरु भी कर दी है। दो दिनों के भीतर सात प्रकरणों में बेदखली और तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई है। अधिकारियों का कहना है, कि कालोनियों में अनियमितताओँ को लगातार शिकायतें मिल रही थी। कई कालोनियां कालोऩाइजर एक्ट, रेरा के नियमों का पालन नहीं कर रही थीं। कई कालोनियों में सरकारी जमीनों पर भी कब्जे की शिकायत थी। कलेक्टर के निर्देश पर जांच कार्रवाई की जा रही है।