Transport department could not collect tax of more than 23 crores from 1600 vehicles
The traffic department is sweating in collecting the transport fee: रायगढ़। जिले में गाड़ियों से परिवहन शुल्क वसूलने में यातायात विभाग के पसीने छूट रहे हैं। जानकर हैरत होगी कि परिवहन विभाग को तकरीबन 1600 गाड़ियों से 23 करोड़ से अधिक का टैक्स वसूलना है। जिन गाडियों का टैक्स बाकी है उसमें से अधिकांश गाडियां दस चक्का या फिर उससे भी बड़ी हैं। खास बात ये है कि इसमें से कई गाडियों का परिचालन भी रोड में नहीं हो रहा है और कंपनियां बंद हो गई हैं। ऐसे में बकाया राशि वसूलने में विभाग को मशक्कत करनी पड़ रही है।
1600 से अधिक गाडियों का रोड टैक्स बकाया
दरअसल रायगढ़ जिले में एक समय में आए इंडस्ट्रियल बूम की वजह से बड़े पैमाने पर औद्योगिक इकाइयां लग रही थीं। इस दौरान कई ट्रांसपोर्ट कंपनियों ने भी जिले में पैर पसारा था, लेकिन नई कोल ब्लाक आबंटन नीति के बाद कई खदानें बंद हो गई। समय के साथ ट्रांसपोर्ट कंपनियों ने भी अपने हाथ खींच लिये, लेकिन इन कंपनियों ने परिवहन विभाग में टैक्स जमा ही नहीं किया। विभाग की सालाना आडिट में तकरीबन 40 से अधिक कंपनियों पर 1600 से अधिक गाडियों का रोड टैक्स बकाया है। ये राशि वर्तमान में 23 करोड़ से भी अधिक है। खास बात ये है कि आरटीओ विभाग ने जब इन कंपनियों को नोटिस जारी किया तो दस्तावेजों में बताए गए पते में कंपनियां मौजूद ही नहीं हैं। अधिकांश कंपनियां बोरिया बिस्तर बांधकर फरार हो चुकी हैं।
संपत्ति कुर्क करने में आ रही अड़चनें
The traffic department is sweating in collecting the transport fee: गाडियां कहां हैं इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में संपत्ति कुर्क करने में भी अड़चनें आ रही है। आलम ये है कि राशि वसूलने में विभागीय अधिकारियों के हाथ पैर फूल रहे हैं। जिन फर्मों पर टैक्स बकाया है उसमें डिडवानिया एग्जिम लिमिटेड, आरएसटी माइनिंग, वेंकटेस लाजिस्टिक, कोरोनेशऩ इंफ्रास्ट्रक्चर, करमजीत सिंह एंड कंपनी, मंगत सिंह गाबा, कुलदीप सिंग गोछवाल, राजा राजेश्वरी कंसट्रक्शऩ जैसी कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों के नाम पते नहीं मिलने पर अब परिवहन विभाग ने आयकर विभाग को पत्र लिखा है। अधिकारियों का कहना है कि फर्मों के संबंध में आयकर विभाग और जीएसटी दफ्तर से कंपनियों के नाम पते सहित अन्य जानकारियां जुटाई जा रही हैं। अधिकारियो का कहना है कि नाम पता मिलते ही इन फर्मों के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जाएंगी। टैक्स वसूलने कंपनियों की संपत्ति भी कुर्क की जाएगी।